फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर ने अपनी किताब ‘द प्रेग्नेंसी बाइबल’ पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर जवाब दे दिया है। उन्होंने कहा कि किताब के शीर्षक से किसी भावनाओं को आहत नहीं किया गया है। न ही उनकी ऐसी कभी मंशा रही है। दरअसल, किताब के टाइटल को आपत्तिजनक बताते हुए करीना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग याचिका में की गई थी। इस पर करीना कपूर खान की तरफ से मंगलवार को जवाब दाखिल किया गया। हाईकोर्ट जस्टिस एमएस भट्टी की एकलपीठ ने जवाब को रिकॉर्ड में लेने का आदेश दिया। साथ ही याचिका पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद तय की है। दरअसल, जबलपुर के एडवोकेट क्रिस्टोफर एंथोनी ने 2022 में ‘करीना कपूरः द प्रेग्नेंसी बाइबल’ किताब के टाइटल पर आपत्ति उठाई थी। याचिका में कहा गया था कि बाइबल ईसाई समुदाय की धार्मिक किताब है। इसके कारण इस किताब से समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाएं आहत हुई है। याचिका में मांग की गई थी कि करीना कपूर के खिलाफ धारा- 294, 295 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया जाए। साथ ही किताब की बिक्री पर रोक लगाई जाए। हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए करीना कपूर खान को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने उन्हें जवाब पेश करने अंतिम बार समय दिया था। अभिनेत्री करीना कपूर ने अपने जवाब में कहा है कि किताब के टाइटल से किसी की धार्मिक भावनाएं आहत नहीं की गई है। न ही उनकी ऐसी मंशा रही थी। उन्होंने नौ अगस्त 2021 को प्रेग्नेंसी पर लिखी यह किताब लॉन्च की थी। उन्होंने इस किताब को अपना तीसरा बच्चा कहा था। किताब की लॉन्चिंग पर उन्होंने ऑनलाइन करण जौहर से चर्चा की। प्रेग्नेंसी के दौरान जीवन में आए उतार-चढ़ावों पर बात भी की थी। करीना ने बताया था कि पहली प्रेग्नेंसी के मुकाबले दूसरी प्रेग्नेंसी उनके लिए कठिन रही। करीना ने नौ जुलाई 2021 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वह पूछती हैं कि क्या बेक हो रहा है? इसके बाद माइक्रोवेव से किताब निकालकर कहती हैं कि ये बेक हो रहा है। कैप्शन में लिखा था- ‘मेरी गर्भावस्था और मेरी प्रेग्नेंसी बाइबल लिखना… यह एक बेमिसाल यात्रा रही है।’
द प्रेग्नेंसी बाइबल पर करीना का हाईकोर्ट में जवाब, कहा- धार्मिक भावनाएं आहत करने की मंशा नहीं थी
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