गंगोत्री धाम पर भागीरथी नदी का जल स्तर बढ़ गया। नदी के तेज बहाव में शिवानन्द कुटीर आश्रम का गेट बह गया। इसके साथ ही सुरक्षा दीवार भी टूटने से आश्रम में पानी घुस गया। जिससे साधु संत और मजदूरों की जान पर बन आई। आश्रम में पानी भरने की सूचना मिलते ही पुलिस व एसडीआरएफ जवानों द्वारा आश्रम के पीछे पहाड़ी से आश्रम में घुस कर दस साधु संतों व मजदूरों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान गंगोत्री मन्दिर प्रांगण में पहुंचाया गया। यमुनोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव जानकीचट्टी में यमुना नदी तटीय क्षेत्र में कटाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। आधा दर्जन पक्के होटल सहित डेढ़ दर्जन ढाबे, कच्चे खोके खतरे की जद में आ गए हैं। यमुना नदी से सड़क कटाव होने से जानकीचट्टी में यमुनोत्री की ओर दो दर्जन से अधिक छोटे बड़े वाहन फंसे हैं।
घाट और गंगा आरती जल स्थल जलमग्न
दूसरे दिन भी सुरक्षा इंतजाम न होने पर लोगों में नाराजगी है। मौसम के रुख को देखते हुए दहशत भी। वहीं गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सुनगर के पास लगातार पत्थर आने के कारण मार्ग बाधित है। बीआरओ के द्वारा उक्त स्थान पर जेसीबी मशीन तैनात है। पत्थर रुकने पर मार्ग यातायात के लिए सुचारू किया जाएगा। गंगोत्री धाम में लगातार भागीरथी गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। दोपहर एक बजे तक सभी घाट और गंगा आरती जल स्थल जलमग्न हो गए हैं। वहीं नदी के दूसरी ओर सटे आश्रमों सहित आवासीय भवनों के लिए खतरा बढ़ गया है।