कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि भारत में निवेश करने में निजी क्षेत्र की अनिच्छा नरेंद्र मोदी सरकार के प्रति कॉर्पोरेट का अविश्वास है। विपक्षी दल ने सरकार से आगामी केन्द्रीय बजट में देश में घरेलू निवेश को प्रोत्साहित करने और बनाए रखने के लिए कदम उठाने का भी आग्रह किया। कांग्रेस ने कहा कि घरेलू निवेश में लगातार गिरावट आ रही है। कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा कि ‘मोदी दशक’ में भारत में निवेश का माहौल सुस्त रहा है। एक्स पर एक पोस्ट में रमेश ने कहा कि सकल स्थायी पूंजी निर्माण मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल के दौरान सकल घरेलू उत्पाद के औसतन 32 प्रतिशत से लगातार गिरकर पिछले 10 वर्षों में सकल घरेलू उत्पाद के 29 प्रतिशत से नीचे आ गया है। रमेश ने कहा, “निवेश सुस्त है, क्योंकि बड़े पैमाने पर उपभोग में तेजी नहीं आ रही है, कर और अन्य अधिकारी व्यवसायों को धमका रहे हैं और उन्हें डरा रहे हैं। यह धारणा बढ़ रही है कि मोदी शासन में केवल चार-पांच व्यावसायिक समूह ही विकास कर सकते हैं।” उन्होंने कहा, “अब इस सरकार के तहत भारत में निवेश करने के लिए निजी क्षेत्र की अनिच्छा का नया सबूत सामने आया है- इस साल अप्रैल-अक्टूबर (2024) में शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 12 साल के निचले स्तर पर आ गया है। सकल एफडीआई प्रवाह स्थिर हो गया है।” रमेश ने दावा किया कि भारतीय कंपनियां घर के बजाय विदेशों में निवेश करना पसंद कर रही हैं। “यह मोदी सरकार के प्रति कॉर्पोरेट का अविश्वास है।” उन्होंने कहा कि एफडीआई बहुत महत्वपूर्ण है, “लेकिन अधिक मौलिक है डीआई यानी घरेलू निवेश। डीआई को कैसे प्रोत्साहित और बनाए रखा जाए, यह आज से 26 दिन बाद पेश होने वाले केंद्रीय बजट की सबसे बड़ी चिंता होनी चाहिए।” केन्द्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा।
निवेश में निजी क्षेत्र की अनिच्छा पर कांग्रेस का वार, कहा- यह सरकार के खिलाफ कॉरपोरेट का अविश्वास
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