भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश की जांच से भारत के भी सुरक्षा हित जुड़े हुए हैं। विदेश मंत्री का यह बयान भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी के उस बयान के बाद सामने आया है, जिसमें गार्सेटी ने हाल ही में कहा था कि किसी देश के नागरिक की हत्या की साजिश में दूसरे देश की सरकार के एक अधिकारी का शामिल होना, ऐसी चीज है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता और यह ‘लाल रेखा’ है।
विदेश मंत्री बोले- अभी बताने के लिए कुछ नहीं
सोमवार को जब मीडिया ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से इसे लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि ‘हमारा मानना है कि इस मामले की जांच से हमारे भी सुरक्षा हित जुड़े हैं।’ अमेरिकी राजदूत के बयान पर उन्होंने कहा कि ‘अमेरिकी राजदूत वही कहेंगे, जो उनकी सरकार की सोच है। इस मामले में हमें कुछ जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं, जिनकी हम जांच कर रहे हैं।’ विदेश मंत्री ने मामले की जांच पर कहा कि ‘जब भी हमारे पास बताने के लिए कुछ होगा, तो हम जरूर उसके बारे में बताएंगे। अभी जांच चल रही है और हमारे पास बताने के लिए कुछ भी नहीं है।’ भारतीय नागरिकों के यूक्रेन युद्ध में फंसने पर विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने इस मामले को रूस की सरकार के समक्ष पूरी मजबूती से उठाया है। हम कोशिश कर रहे हैं कि सभी लोगों को सुरक्षित भारत लाया जा सके। बीते महीने भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी कहा था कि कई भारतीयों को भ्रम में रखकर रूस की सेना में शामिल किया गया। नई दिल्ली ने इस मामले को मजबूती से मॉस्को के सामने उठाया और सभी भारतीयों को वापस स्वदेश भेजने की मांग की। विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से ये भी अपील की कि वे एजेंट्स के भ्रामक दावों में न आएं।
‘पन्नू मामले से भारत के भी सुरक्षा हित जुड़े’, विदेश मंत्री बोले- ‘अभी कुछ भी कहने के लिए नहीं’
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