महाराष्ट्र में मॉनसून जोरों पर है। मुंबई समेत अनेक जिलों में तेज बारिश हो रही है। मूसलाधार बरसात की वजह से कई जगहों से तबाही की खबरें भी आ रही हैं। कोंकण के रत्नागिरी के बाद सिंधुदुर्ग में भी बारिश की वजह से कई गांवों का संपर्क टूट चुका है। कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। भारी बरसात की वजह से कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं। यहां 4 से 5 फीट पानी इकट्ठा हो गया है। रत्नागिरी के चिपलुन इलाके में हालात बेकाबू हो चुके हैं। पुणे से एनडीआरएफ की टीम रवाना हो चुकी है। कोल्हापुर में जहां एनडीआरएफ की 2 टीमें भेजी गई हैं। वहीं, चिपलुन के लिए एक टीम रवाना हुई है।
भिवंडी में एनडीआरएफ ने संभाला मोर्चा
बचाव दल बाढ़ में फंसे लोगों को लगातार बाहर निकालने के काम में जुटे हुए हैं। गनीमत है कि अभी तक कहीं से जनहानि की खबर नहीं आई है। घरों में पानी भर जाने की वजह से घरेलू सामान खराब हो गए हैं। भिवंड़ी में एनडीआरएफ की टीम पहुंच चुकी है और लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल रही है।
सेंट्रल रेलवे पर भी बारिश का असर हुआ है। पहाड़ी चट्टानों के पत्थर रेलवे ट्रैक पर गिर जाने की वजह से कसारा के आगे और इगतपुरी के बीच रेल सेवा बाधित हो गई है। टिटवाला स्टेशन से इगतपुरी और अंबरनाथ से लोनावला रूट पर रेल सेवा बाधित हुई है। कसारा घाट इलाके में बीती रात में सिर्फ 4 से 5 घंटे के दरम्यान 138 मिमी बरसात हुई है। वहीं लोनावला में 127 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
अगले 2 दिन ऐसे ही बरसता रहेगा पानी
पानी इतना ज्यादा बरस रहा है कि स्कूल और बस अड्डे डूब गए हैं। पानी में डूबी बसों और कारों के सिर्फ ऊपरी हिस्से ही नजर आ रहे हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले दो दिनों तक ऐसे ही पानी बरसता रहेगा। रेल अलर्ट जारी कर दिया गया है। लोगों से इस दौरान घर में रहने की अपील की गई है।
मुंबई-गोवा हाइवे पर पुल बंद
रत्नागिरी की दो नदियां काजली और मुचकुंदी नदी में पानी अपने उफान पर बह रहा है। वहीं मुंबई-गोवा हाइवे पर मौजूद ब्रिटिश कालीन पुल पर वाहनों की आवाजाही भी गुरुवार सुबह 5 बजे से बंद कर दी गई है। जलजमाव के कारण लांजा शहर में मौजूद ढाबा भी पानी में डूब चुका है। इतना ही नहीं, लांजा शहर के फुट ओवर ब्रिज पर भी पहली बार पानी पहुंच चुका है।
हेलिकॉप्टर की भी ले जाएगी मदद
बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर बढ़ चुका है। इसकी वजह से चिपलुन में कई लोग फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने के लिए कोस्ट गार्ड और कस्टम की बोट का इस्तेमाल किया जाएगा। रत्नागिरी जिले के संरक्षक मंत्री अनिल परब ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता है कि लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए। यदि जरूरत पड़ी तो हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जाएगी।
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