#BREAKING LIVE :
मुंबई हिट-एंड-रन का आरोपी दोस्त के मोबाइल लोकेशन से पकड़ाया:एक्सीडेंट के बाद गर्लफ्रेंड के घर गया था; वहां से मां-बहनों ने रिजॉर्ट में छिपाया | गोवा के मनोहर पर्रिकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरी पहली फ्लाइट, परंपरागत रूप से हुआ स्वागत | ‘भेड़िया’ फिल्म एक हॉरर कॉमेडी फिल्म | शरद पवार ने महाराष्ट्र के गवर्नर पर साधा निशाना, कहा- उन्होंने पार कर दी हर हद | जन आरोग्यम फाऊंडेशन द्वारा पत्रकारो के सम्मान का कार्यक्रम प्रशंसनीय : रामदास आठवले | अनुराधा और जुबेर अंजलि अरोड़ा के समन्वय के तहत जहांगीर आर्ट गैलरी में प्रदर्शन करते हैं | सतयुगी संस्कार अपनाने से बनेगा स्वर्णिम संसार : बीके शिवानी दीदी | ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आरती त्रिपाठी हुईं सम्मानित | पत्रकार को सम्मानित करने वाला गुजरात गौरव पुरस्कार दिनेश हॉल में आयोजित किया गया | *रजोरा एंटरटेनमेंट के साथ ईद मनाएं क्योंकि वे अजमेर की गली गाने के साथ मनोरंजन में अपनी शुरुआत करते हैं, जिसमें सारा खान और मृणाल जैन हैं |

पार्टी ऑफिस को लेकर भिड़े शिवसेना के दोनों गुट, पवार ने ठाकरे को दिया यह सुझाव

103

महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के समर्थकों के बीच झड़प का मामला सामना आया है। पुलिस ने बताया कि शुक्रवार शाम रत्नागिरी जिले के दापोली में शिवसेना के एक कार्यालय को लेकर पार्टी के दोनों गुटों के समर्थक  आपस में भिड़ गए। यह घटना चुनाव आयोग द्वारा शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दिए जाने के कुछ घंटे बाद हुई। पुलिस अधिकारी ने कहा कि शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं ने दापोली में शिवसेना के दफ्तर पर कब्जा करने की कोशिश की, जिसके कारण हाथापाई हुई। इसके कारण कुछ देर के लिए इलाके में तनाव पैदा हो गया, लेकिन पुलिस ने हस्तक्षेप कर स्थिति को नियंत्रण में किया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि ‘धनुष और बाण’ चुनाव चिह्न खो जाने से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि लोग उनके नए चुनाव चिन्ह को स्वीकार करेंगे। पवार ने कहा कि इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने 1978 में नया चुनाव चिह्न अपनाया था, लेकिन इसका पार्टी पर कोई असर नहीं हुआ था। पवार एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को वास्तविक शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उसे मूल ‘धनुष और बाण’ चिन्ह देने के चुनाव आयोग के फैसले पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। एनसीपी प्रमुख ने ठाकरे समूह को सलाह दी कि एक बार फैसला हो जाने के बाद कोई चर्चा नहीं हो सकती है। इसे स्वीकार करें, एक नया चुनाव चिह्न लें। इसका (पुराने चुनाव चिह्न के नुकसान का) कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। उन्होंने याद दिलाया कि आपातकाल के बाद इंदिरा गांधी को भी ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा था। एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के फैसले को अप्रत्याशित करार दिया और पूछा कि चुनाव आयोग फैसला सुनाने में जल्दबाजी क्यों कर रहा है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के आम कार्यकर्ता उद्धव ठाकरे के साथ खड़े रहेंगे। अजित पवार ने कहा कि यह एक अप्रत्याशित फैसला है। यह समझना मुश्किल है कि चुनाव आयोग द्वारा इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई गई, जब सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार सुबह ही कहा था कि वह 21 फरवरी से दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद संबंधित मामले में निर्णय देगा। उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि शिवसेना की स्थापना किसने की। हिंदू-हृदय सम्राट कौन था? शिवसेना प्रमुख कौन था? बालासाहेब की मृत्यु के बाद सेना का नेतृत्व कौन कर रहा था? इसलिए आम शिवसैनिक और शिवसेना में विश्वास रखने वाले मतदाता उद्धव जी के प्रति सम्मान बनाए रखेंगे और चुनाव में साबित कर देंगे कि उनकी शिवसेना ही असली शिवसेना है।

23 Comments

  1. Платформа 1вин предлагает широкий выбор спортивных событий, киберспорта и азартных игр. Пользователи получают высокие коэффициенты, быстрые выплаты и круглосуточную поддержку. Программа лояльности и бонусы делают игру выгоднее.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *