पुरी के जगन्नाथ मंदिर में चूहे परेशानी का कारण बन गए हैं। यहां इनकी तादात लगातार बढ़ती जा रही है, जिस कारण अब वे मंदिर की वस्तुओं को नुकसान पहुंचाने लगे हैं। मंदिर के सेवादाओं और पुजारियों का कहना है कि चूहे भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की पोशाकों को कुतर रहे हैं। डर है कि कहीं वे मंदिर में देवताओं की लकड़ी की मूर्तियों को नुकसान न पहुंचा दें। हालांकि, मंदिर प्रशासक जितेंद्र साहू ने कहा है कि चूहों से डरने की कोई जरूरत नहीं है। मंदिर के एक सेवादार रामचंद्र दासमहापात्र ने कहा, कोरोना काल में मंदिर बंद रहा, जिस कारण यहां चूहों की तादात बढ़ गई। उन्होंने कहा, मंदिर के गर्भगृह में कुछ चूहे थे, लेकिन कोरोना के बाद उनकी संख्या में काफी वृद्धि हुई है। चूहे देवताओं पर चढ़ाई गई मालाओं, फूलों और उनकी पोशाकों को कुतर रहे हैं। मंदिर के नियम के मुताबिक, जानवरों को मंदिर के अंदर मारने या जहर देने की अनुमति नहीं है। एक सेवादार ने बताया, मंदिर के आरओआर में उल्लेख है कि मंदिर परिसर में पाए जाने वाले चूहों, चमगादड़ों और बंदरों से कैसे निपटा जाए। कोई भी व्यक्ति मंदिर के नियमों के अनुसार किसी भी जीवित प्राणी का जीवन नहीं छीना जा सकता है। मंदिर के प्रशासक जितेंद्र साहू ने बताया कि हम चूहों को जिंदा पकड़ने के लिए जाल लगा रहे हैं।
पुरी जगन्नाथ मंदिर में चूहों ने बढ़ाई परेशानी, देवताओं की पोशाकों को रहे कुतर
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