महाराष्ट्र के पुणे जिले के पिंपरी चिंचवाड़ बस्ती से 23 जुलाई को अगवा की गई साढ़े तीन साल की मासूम बच्ची को पुलिस ने 12 घंटे के भीतर अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त करा लिया। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि अपहृत बच्ची को जुन्नार शहर में एक परिवार ने बंधक बना रखा था, जिसके पास से बच्ची को 12 घंटे के भीतर मुक्त करा लिया गया। पुलिस ने परिवार के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है और अंधविश्वास और संदिग्ध मानव बलि सहित विभिन्न कोणों से मामले की जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार, बच्ची का शनिवार को दोपहर में अपहरण कर लिया गया था और पिंपरी चिंचवाड़ से लगभग 80 किलोमीटर दूर जुन्नार शहर में रखा गया था, जिसका पता पुलिस ने अपहरण के 10-12 घंटे के भीतर लगा लिया। अपहृत बच्ची के माता-पिता से फिरौती की कोई मांग नहीं की गई थी। चिखली पुलिस थाने के एक अधिकारी ने कहा, “बच्ची 23 जुलाई की दोपहर को पिंपरी चिंचवाड़ के चिखली इलाके में अपने घर के बाहर खेलते समय लापता हो गई थी। उसकी मां ने पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद अपहरण का मामला दर्ज किया गया।” जांच में पता चला कि जुन्नार शहर निवासी विमल चौगुले हाल ही में अपनी बहन सुनीता नलवाडे के यहां ठहरी थी, जो अपहृत बच्ची की पड़ोसी है। अधिकारी ने कहा, “प्रारंभिक जांच के अनुसार, विमल चौगुले, उसका पति और सुनीता नलवाडे और उसकी दो बेटियों ने बच्ची को चॉकलेट का लालच देकर अपहरण कर लिया और जुन्नार में अपने घर ले गए।” सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल फोन टावर लोकेशन के आधार पर बच्ची का पता लगाया गया और उसे बचा लिया गया। उन्होंने कहा, “हमने विमल चौगुले, उसके पति संतोष चौगुले, सुनिता नलवाडे और उसकी 22 और 18 साल की दो बेटियों को गिरफ्तार किया है। चौगुले के 12 वर्षीय बेटे को भी हिरासत में लिया गया है।”
पुलिस ने 12 घंटे के भीतर पुणे में अपहृत मासूम बच्ची को बचाया, पांच गिरफ्तार
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