बॉम्बे हाईकोर्ट से पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को ड्रग्स से जुड़े एक मामले में बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उनके खिलाफ 2016 में दर्ज ड्रग तस्करी मामले को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि कुलकर्णी के खिलाफ कार्यवाही स्पष्ट रूप से तुच्छ और अफसोसजनक है। इस मामले में सुनवाई जारी रखना अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा। न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने 22 जुलाई को दिए एक आदेश में कहा कि उनकी यह स्पष्ट राय है कि कुलकर्णी के खिलाफ जुटाई गई सामग्री से प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है। बता दें, आदेश की एक प्रति बुधवार को उपलब्ध कराई गई। हाईकोर्ट ने ममता कुलकर्णी के खिलाफ चल रहे है 2000 करोड़ के ड्रग तस्करी के मामले को रद्द कर दिया है। पूर्व अभिनेत्री पर अपने पति विक्की गोस्वामी के साथ ड्रग्स तस्करी करने का आरोप लगाया था। कोर्ट ने कहा कि ममता के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं है। इस वजह से इस केस को बंद किया जाता है। पीठ ने कुलकर्णी के खिलाफ ड्रग्स केस को रद्द कर दिया है।
अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग करना होगा…
पीठ ने कहा कि हम इस बात से संतुष्ट हैं कि याचिकाकर्ता (कुलकर्णी) के खिलाफ सुनवाई जारी रखना अदालत की प्रक्रिया के दुरुपयोग से कम नहीं होगा। अदालत ने कहा कि वह इस बात से भी संतुष्ट है कि यह एफआईआर को रद्द करने के लिए अपनी अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग करने के लिए उपयुक्त मामला है, क्योंकि कार्यवाही स्पष्ट रूप से तुच्छ और अफसोसजनक है। साल 2018 में ममता कुलकर्णी ने अपने खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। ममता के पति विक्की गोस्वामी को इस रैकेट का मास्टरमाइंड माना जाता है, जिन्होंने इफेड्रिन का निर्माण और खरीद की थी। पूर्व अभिनेत्री ने दावा किया था कि उन्हें मामले में फंसाया जा रहा है। वह केवल विक्की गोस्वामी से परिचित है जो मामले के सह-आरोपियों में से एक है। 12 अप्रैल, 2016 को ठाणे पुलिस के एंटी-नारकोटिक्स सेल विभाग ने दो कारों को रोका और दो से तीन किलोग्राम इफेड्रिन जब्त किया था, जो नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 के तहत एक नियंत्रित पदार्थ है। रिपोर्ट्स के अनुसार, दो वाहनों से जब्त किए गए पदार्थ की कीमत लगभग 80 लाख रुपये थी। पुलिस ने कारों के चालकों सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिन्होंने सोलापुर जिले की एक फैक्ट्री से नियंत्रित पदार्थ खरीदा था। अदालत ने कहा कि उनका मानना है कि आरोपपत्र में पेश किए गए सबूत एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों के तहत कुलकर्णी के खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं है।