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पेट्रोल-डीजल पर और कम हो जाएगा टैक्स, अगर इस कदम पर हो जाए अमल: गडकरी

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केन्द्र सरकार पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) पर लगने वाले केन्द्रीय उत्पाद शुल्क (Central Excise Duty) में कटौती कर चुकी है। पेट्रोल और डीजल पर टैक्स और कम हो सकता है अगर एक कदम पर अमल हो जाए। वह कदम है पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने का। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) का कहना है कि पेट्रोलियम उत्पादों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने से पेट्रोल, डीजल पर कर और कम होगा और इससे केंद्र एवं राज्य सरकारों के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।

गडकरी ने ‘टाइम्स नाउ समिट’ को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकारों का समर्थन मिलने पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की कोशिश जरूर करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री भी सदस्य होते हैं। कुछ राज्य पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने के खिलाफ हैं। पेट्रोल, डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा, तो इन पर कर कम हो जाएगा और केंद्र और राज्यों दोनों का राजस्व बढ़ेगा।’’ जीएसटी परिषद ने अपनी 17 सितंबर की बैठक में पेट्रोल और डीजल को माल एवं सेवा कर के दायरे से बाहर रखने का निर्णय किया था।

​केन्द्र से राहत मिलने के बाद अब राज्यों के कदम उठाने की बारी

​पेट्रोल-डीजल पर अभी कितना टैक्स

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक बहुत बड़ा हिस्सा, इस पर लगने वाले टैक्स (Tax on Fuel) और चार्जेस का रहता है। पेट्रोल और डीजल पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों टैक्स वसूलते हैं। पेट्रोल और डीजल पर केन्द्र की और से केन्द्रीय उत्पाद शुल्क और राज्यों की ओर से वैट लगाया जाता है। इसके अलावा फ्रेट, डीलर चार्ज और डीलर कमीशन भी रहता है। इन सब को पेट्रोल और डीजल के बेस प्राइस में जोड़ देने के बाद रिटेल कीमत सामने आती है।

केन्द्र द्वारा पेट्रोल पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में 5 रुपये की कटौती किए जाने के बाद यह 27.90 रुपये प्रति लीटर हो गया है। वहीं डीजल पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क 10 रुपये घटने के बाद 21.80 रुपये प्रति लीटर हो गया है। दिल्ली में डीजल पर वैट 12.68 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल पर वैट 23.99 रुपये प्रति लीटर है।

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