पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा की छानबीन कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की कार्रवाई जारी है। सीबीआई के अधिकारियों की एक टीम ने चुनाव के बाद हिंसा के मामलों की जांच के तहत मंगलवार को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता ललन घोष के आवास पर छापा मारा। यह जानकारी एजेंसी के सूत्रों ने दी।सूत्रों ने बताया कि जांच दल ने जिले के इलामबाजार थानाक्षेत्र के गोपालपुर गांव का दौरा किया, जहां दो मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के कुछ देर बाद ही भाजपा कार्यकर्ता गौरव सरकार की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। जांच दल ने वहां पर घोष के आवास पर छापेमारी की। उन्होंने बताया कि टीएमसी नेता के घर से एक मोबाइल फोन समेत कई दस्तावेज जब्त किए गए।
केंद्रीय एजेंसी ने अब तक 34 प्राथमिकी दर्ज की हैं और चुनाव बाद हिंसा के मामलों में तीन गिरफ्तारियां की हैं, जिसमें से दो नदिया में और एक उत्तर 24 परगना में की गई है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गत 19 अगस्त को आदेश दिया था कि मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए विधानसभा चुनाव बाद कथित बलात्कार और हत्या के मामलों की जांच सीबीआई द्वारा की जाए। पश्चिम बंगाल सरकार ने उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है, जिसमें मामलों की अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच का निर्देश दिया गया था। यही नहीं ममता बनर्जी सरकार ने इससे पहले मानवाधिकार आयोग की जांच का भी विरोध किया था, लेकिन अदालत में उसे मुंह की खानी पड़ी थी।
आपको बता दें कि इससे पहले इसी मामले की जांच के दौरान जांच टीम ने सोमवार को हावड़ा से 6 लोगों को हिरासत में लिया था। सीबीआई अधिकारियों की टीम सोमवार को सुबह हावड़ा पहुंची और सभी छह लोगों को डोमजुर इलाके से हिरासत में लिया था।
बीजेपी के अलावा हाल ही में कांग्रेस ने भी ममता बनर्जी सरकार पर चुनाव के बाद हिंसा का आरोप लगाया था। बीजेपी ने तो चुनाव के बाद कई कार्यकर्ताओं की हत्या, महिलाओं से रेप और घरों में आगजनी जैसे तमाम आरोप लगाए थे। यही नहीं होम मिनिस्ट्री से मुलाकात करके भी बीजेपी के कई नेताओं ने जांच की मांग की थी।