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बरडा अभयारण्य में आजादी के बाद पहली बार गूंजी शेर की दहाड़, वन विभाग की कोशिशें रंग लाईं

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एशियाई शेरों के लिए नया ठिकाना विकसित करने की गुजरात के वन विभाग की कोशिशें रंग लाने लगी हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि आजादी के बाद पहली बार पोरबंदर जिले के बरडा वन्य जीव अभयारण्य में एशियाई शेर नजर आया है। प्रधान वन संरक्षक (वन्यजीव) नित्यानंद श्रीवास्तव ने बताया कि साढ़े तीन साल का नर शेर दो दिन पहले पोरबंदर शहर के नजदीक कुछ समय बिताने और मवेशियों का शिकार करने के बाद अभयारण्य में घुस गया। उन्होंने कहा, आजादी के बाद पहली बार बरडा वन्य जीव अभयारण्य के भीतर शेर का दिखना अच्छा संकेत है। वन विभाग अभयारण्य को शेरों के लिए दूसरे घर के तौर पर विकसित करने का प्रयास कर रहा है। अभयारण्य में शिकार के लिए शाकाहारी जीवों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रजनन केंद्र भी संचालित किया जा रहा है। श्रीवास्तव ने बताया कि शेर तटीय शहर माधवपुर के नजदीक जंगलों में घूम रहा था और कुछ महीने पहले अन्य नर शेरों से अलग होकर पोरबंदर शहर के करीब पहुंच गया। प्रधान वन संरक्षक (वन्यजीव) ने बताया कि वन विभाग ने शेर पर नजर रखने के लिए कुछ महीने पहले पोरबंदर के नजदीक रेडियो कॉलर लगाया था। शेर मवेशियों का शिकार करने के बाद बरडा वन्य जीव अभयारण्य पहुंचा। उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। बरडा शेरों का दूसरा घर हो सकता है क्योंकि इसमें उनके शिकार के लिए कई जानवर हैं। साथ ही अभयारण्य की सीमा के एक किलोमीटर दायरे में खनन 2013 से ही प्रतिबंधित है। राज्यसभा सदस्य और गिर राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्य की सलाहकार समिति के सदस्य परिमल नाथवानी ने कहा, दूसरे आवास की ओर शेरों का प्राकृतिक विस्थापन ऐतिहासिक घटना है। उन्होंने कहा, कई विशेषज्ञों का मानना है कि बरडा वन्यजीव अभयारण्य शेरों के लिए आदर्श आवास होगा क्योंकि जलवायु, पारिस्थितिकी और मानव बसावट के मामले में यह गिर वन जैसा है। मैं इस अभ्यारण्य को एशियाई शेरों का दूसरा घर बनाने के लिए हर संभव मदद देने को तैयार हूं। गौरतलब है कि बरडा वन्यजीव अभयारण्य करीब 192 वर्ग किलोमीटर में फैला है और एशियाई शेरों के आवास गिर राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य से यह करीब 100 किलोमीटर दूर है। पिछली वन्यजीव गणना के मुताबिक गुजरात में 674 शेर हैं जिनमें से अधिकतर गिर के भीतर हैं।

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