एआर रहमान दुनिया के सबसे मशहूर संगीतकारों में से एक हैं। तीन दशकों से अधिक लंबे करियर के साथ उन्होंने न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी अद्वितीय प्रतिभा के लिए प्रशंसा हासिल की है। हाल ही में एक इंटरव्यू में, एआर रहमान ने बिना अनुमति के रीमिक्स के लिए मूल गानों के इस्तेमाल पर नाराजगी जताई है। उन्होंने किसी और के काम की दोबारा कल्पना करने से पहले अनुमति लेने के महत्व पर जोर दिया। एआर रहमान ने दृढ़ता के साथ कहा, ‘आप किसी फिल्म से एक गाना लेकर छह साल बाद दूसरी फिल्म में यह कहकर इस्तेमाल नहीं कर सकते कि आप इसकी फिर से कल्पना कर रहे हैं।’ अपने रुख को और स्पष्ट करते हुए रहमान ने कहा, ‘आप लोगों की अनुमति के बिना उनके काम की दोबारा कल्पना नहीं कर सकते। आप इसे इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर सकते हैं, लेकिन निश्चित रूप से इसे मुख्यधारा नहीं बना सकते।’ एआर रहमान ने संगीत निर्माण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के दुरुपयोग पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘इससे भी बड़ी बुराई यह है कि लोग एआई का दुरुपयोग कर रहे हैं और संगीतकार को भुगतान नहीं कर रहे हैं, भले ही वे उसकी शैली उधार ले रहे हों।’ ऑस्कर विजेता संगीतकार ने उन संभावित नैतिक मुद्दों पर प्रकाश डाला जो एआई के दुरुपयोग से उत्पन्न हो सकते हैं। उन्होंने चेतावनी दी, ‘हमें इस बिल्ली के गले में घंटी बांधने की जरूरत है क्योंकि इससे बड़े नैतिक मुद्दे पैदा हो सकते हैं। लोगों की नौकरियां जा सकती हैं।’
हाल ही में किया था एआई का इस्तेमाल
प्रक्रियाओं में महारत हासिल करने में एआई की भूमिका को स्वीकार करते हुए, रहमान ने इस बात पर जोर दिया कि एक धुन बनाने के लिए अभी भी मानव हृदय और दार्शनिक दिमाग की आवश्यकता होती है। उन्होंने संकेत दिया कि इस डिजिटल युग में, लोग खामियों की अधिक सराहना करना शुरू कर सकते हैं। रहमान ने हाल ही में ‘लाल सलाम’ फिल्म में एक गीत ‘थिमिरी येजुदा’ के लिए दिवंगत गायक बंबा बायका और शाहुल हमीद के एआई वॉयस मॉडल का उपयोग किया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि दिवंगत गायकों की आवाज के लिए उनके परिवारों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए।