मुंबई
महाराष्ट्र में जिस देगलूर विधानसभा सीट के लिए 30 अक्टूबर को उपचुनाव होना है, उसके लिए बीजेपी ने अपने किसी नेता को टिकट देने के बजाय शिवसेना नेता सुभाष साबणे को उम्मीदवार बनाया है। उम्मीदवारी घोषित होने के बाद साबणे ने शिवसेना छोड़ बीजेपी में शामिल होने का ऐलान किया।
पिछले विधानसभा चुनाव में साबणे को कांग्रेस के उम्मीदवार रावसाहेब अंतापुरकर ने 22,433 वोट के अंतर से हरा दिया था। गत वर्ष कोरोना काल में अंतापुरकर का निधन हो गया। उनके निधन के कारण इस सीट पर उप चुनाव हो रहा है। मराठवाडा के बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने गए बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने साबणे से मुलाकात के बाद उनकी बीजेपी से उम्मीदवारी का ऐलान किया। दरअसल, जब यह साफ हो गया कि आघाडी के चलते शिवसेना इस उपचुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। ऐसे में साबणे के समक्ष शिवसेना छोड़ बीजेपी से टिकट पाने के अलावा और कोई विकल्प बचा भी नहीं था।
नम आंखों से शिवसेना छोड़ने का ऐलान
रविवार को जब साबणे ने शिवसेना छोड़ने का ऐलान किया, तो उनकी आंखें भर आईं। टीवी चैनलों पर महाराष्ट्र की जनता ने उन्हें रोते हुए देखा। साबणे ने कहा कि वह 1984 से शिवसेना में काम कर रहे थे। इतने वर्षों में शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे और वर्तमान पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे दोनों ने उन्हें बहुत कुछ दिया, लेकिन जिस कांग्रेस के खिलाफ वह इतने वर्षों से लड़ते आए हैं, अब उसके लिए उप चुनाव में वोट मांगना संभव नहीं है।
उद्धव के सामने बड़ी चुनौती
दरअसल, साबणे ने जो सवाल उठाया है, वह सवाल आने वाले चुनावों में शिवसेना और उद्धव ठाकरे के सामने बड़ी चुनौती बन कर खड़ा होगा। अगर 2024 के विधानसभा चुनाव शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने मिलकर लड़ा, तो तीनों पार्टियों के कई बड़े नेताओं को अपने-अपने चुनाव क्षेत्रों में पीछे हटना पड़ेगा।
अशोक चव्हाण को किया टारगेट
देगलूर विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री तथा वर्तमान पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण के गृह जिले नांदेड में आता है। साबणे ने शिवसेना छोड़ते हुए चव्हाण को ही टारगेट किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि चव्हाण पूरे जिले में एकाधिकार चलाना चाहते हैं और जिले में शिवसेना को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।
कांग्रेस अंतापुरकर के बेटे को बना सकती है उम्मीदवार
कांग्रेस के जिस विधायक रावसाहेब अंतापुरकर के निधन से देगलूर सीट पर उप चुनाव हो रहा है, उनकी पहचान क्षेत्र में कर्मठ और जुझारू नेता की रही है। महाविकास आघाडी की ओर से कांग्रेस अंतापुरकर के बेटे को उम्मीदवारी दे सकती है।