व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि कई कारोबारी समूह भारत को वैश्विक स्तर पर विविधता लाने की रणनीति के तहत देखते हैं और नई आपूर्ति शृंखला तथा निवेश के अवसरों के लिए एक भूमि के रूप में देखते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के उप सहायक और हिंद-प्रशांत के समन्वयक कर्ट कैंपबेल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध पिछले कुछ वर्षों में विकसित हुए हैं और अब विश्वास और भरोसे का वह स्तर है जो एक दशक पहले नहीं था। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका और भारत दोनों ही अपूर्ण लोकतंत्र हैं। हम दोनों के सामने चुनौतियां हैं। मुझे लगता है कि हम इस संदर्भ में चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘कई कारोबारी समूह और निवेश समूह भारत को वैश्विक स्तर पर विविधता लाने की रणनीति के तहत देख रहे हैं। वे इसे नई आपूर्ति शृंखला और नए निवेश के अवसर के रूप में देख रहे हैं। मैं जिस सबसे प्रभावशाली प्रवासी भारतीयों के साथ जुड़ा हूं, वह अमेरिका में भारतीय अमेरिकी हैं, जो आगे बढ़ने के संदर्भ में आम तौर पर जो देखते हैं, उस पर हमें गर्व और प्रसन्नता है। कैंपबेल ने हडसन इंस्टीट्यूट थिंक टैंक में कहा कि हर कोई वैश्विक मंच पर भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को समझता है और कहा कि यह भूमिका केवल रणनीतिक नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों को वैश्विक मंच पर अमेरिका के लिए सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंध के रूप में स्थापित करेगी। प्रधानमंत्री मोदी इस महीने राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडेन के निमंत्रण पर अमेरिका की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर जाएंगे। 21 जून से शुरू हो रही अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति और प्रथम महिला 22 जून को राजकीय रात्रिभोज के लिए मोदी की मेजबानी करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि यह यात्रा मूल रूप से अमेरिका-भारत संबंधों को वैश्विक मंच पर अमेरिका के लिए सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंध के रूप में स्थापित करेगी। उन्होंने कहा, ‘उम्मीद है कि अधिक लोगों के लिए अधिक निवेश के लिए स्थान और गतिविधियां खोली जाएंगी। हमारे विश्वविद्यालयों को कई और इंजीनियरों और उच्च तकनीक वाले लोगों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है।’
भारत को निवेश के अवसर के रूप में देख रहे कारोबारी, पीएम की अमेरिका यात्रा के पहले ये बोले अधिकारी
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