बिल गेट्स का रीड हॉफमैन के साथ हाल ही में किया गया पॉडकास्ट वायरल हो रहा है। भारतीयों को यह पसंद नहीं आया क्योंकि टेक दिग्गज ने इस पॉडकास्ट में भारत को “चीजों को आजमाने के लिए तरह की प्रयोगशाला” कहकर संबोधित किया। उनकी इस टिप्पणी से कई लोग भड़क गए और लोगों ने उनकी इस टिप्पणी के लिए गेट्स की आलोचना की। बिल गेट्स ने पॉडकास्ट में कहा, “भारत एक ऐसे देश का उदाहरण है, जहां बहुत सी चीजें कठिन हैं- स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा में सुधार हो रहा है और वे काफी स्थिर हैं और अपना स्वयं का सरकारी राजस्व भी पैदा कर रहे हैं। इस बात की पूरी संभावना है कि आज से 20 साल बाद लोगों की स्थिति नाटकीय रूप से बेहतर हो जाएगी। यह एक तरह की प्रयोगशाला है, जहां आप चीजों को आजमा सकते हैं और जब आप उन्हें भारत में साबित कर देते हैं, तो आप इस मॉडल को अन्य स्थानों पर ले जा सकते हैं।” उन्होंने कहा, “हमारा सबसे बड़ा गैर-अमेरिकी कार्यालय भारत में है और दुनिया में हम सबसे अधिक पायलट परियोजनाएं भारत में अपने साझेदारों के साथ शुरू कर रहे हैं।” हालांकि, कुछ लोगों को यह रास नहीं आया। सोशल मीडिया पर लोगों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक के लिए भारत एक प्रयोगशाला है, और हम भारतीय उनके लिए गिनी पिग्स हैं। लोगों ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, “इस आदमी ने सरकार से लेकर विपक्ष और मीडिया तक सबको मैनेज कर लिया है। उनका कार्यालय यहां बिना एफसीआरए के काम कर रहा है। हमारी शिक्षा प्रणाली ने उन्हें हीरो बना दिया है। मैं नहीं जानता हम कब जागेंगे।”
गेट्स के पक्ष में भी उतरे कुछ लोग
हालाकि कुछ लोग गेट्स के पक्ष में भी बोले, “मैं वास्तव में भारत में बिल गेट्स के खिलाफ इस षड्यंत्र सिद्धांत के रवैये को नहीं समझता। भारत में टीकों के लिए कोई गिनी पिग-शैली का प्रयोग नहीं हो रहा है।” इससे पहले पीटीआई को दिए गए एक साक्षात्कार में बिल गेट्स ने कुपोषण की समस्या को हल करने पर भारत के ध्यान की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा कि वह देश को उसके प्रयासों के लिए “ए” ग्रेड देंगे। उन्होंने कहा, “भारत अपने आय स्तर को देखते हुए यह स्वीकार करता है कि कुछ पोषण संबंधी संकेतक उससे कमजोर हैं जितना वह चाहता है। मुझे लगता है कि इस तरह की स्पष्टता और इस पर ध्यान केंद्रित करना बहुत प्रभावशाली है।”