हिंदी भाषाई मतदाता संख्या का प्रतिशत अधिक,
सांसद कपिल पाटील के प्रति लोगों में असंतोष
भिवंडी। ठाणे और कल्याण लोकसभा क्षेत्र के बाद शहरी क्षेत्रों में भिवंडी लोकसभा लोकसभा का चुनाव भी करीब उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना मुंबई के चुनाव क्षेत्र| भिवंडी में हजारों पावर लूम स्थित होने से यहां हिंदी भाषाई मतदाता संख्या का प्रतिशत अधिक माना जाता है| वर्तमान में भिवंडी लोकसभा क्षेत्र पर बीजेपी का कब्ज़ा है।
विगत 2014 के चुनाव में भारतीय जनता जनता पार्टी के कपिल पाटील ने कांग्रेस के विश्वनाथ पाटील को करीब एक लाख दस हजार मतों से पराजित किया था| मगर बीते करीब साढ़े चार वर्ष में चुनावी तस्वीर बदली है | जहां बीजेपी के प्रति नाराजगी बड़ी है ,वहीं शिवसेना के कार्यकर्ताओं भी सांसद कपिल पाटील के प्रति आक्रमक तेवर अपना रहे हैं |
देखना यह है कि ,इस बार बीजेपी अपना सुरक्षित गढ़ बचा पाती है ,अथवा नहीं ? भिवंडी लोकसभा क्षेत्र में पावर लूम भारी तादात में होने की वजह से उनमें काम कर रहे अल्पसंख्यक वर्ग की तादात अधिक बताई जाती है।
जिनका लाभ कांग्रेस को मिल सकता है| इसके अलावा सांसद कपिल पाटील के प्रति लोगों में असंतोष के स्वर पनप रहे हैं। हालांकि यही रवैया कांग्रेस के उम्मीदवार विश्वनाथ पाटील के प्रति भी नजर आ रहा है। कांग्रेस की तरफ से सुरेश टावरे भी उम्मीदवारी की दौड़ में सबसे आगे हैं। किसी एक को टिकट देने से दूसरे का खफा होना लाज़िमी ही है।