सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की अगली किस्त की बिक्री पांच दिनों के लिए सोमवार यानी 20 जून से शुरू हो रही है। इस किस्त के लिए सोने का निर्गम मूल्य 5,091 रुपये प्रति ग्राम रखा गया है। यह चालू वित्त वर्ष का पहला निर्गम होगा। निवेश सलाहकारों का मानना है कि मंदी की आशंका के बीच सॉवरेन गोल्ड में निवेश मुनाफे का सौदा हो सकता है। एसजीबी आरबीआई जारी करता है। इसका मूल्य सोने के वजन में होता है। अगर बॉन्ड 10 ग्राम सोने का है तो 10 ग्राम सोने की कीमत जितनी होगी, उतने ही बॉन्ड के दाम होंगे। आप एक वित्त वर्ष में कम-से-कम एक ग्राम और अधिकतम 4 किलोग्राम तक के मूल्य का सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं। ट्रस्ट के लिए अधिकतम सीमा 20 किलोग्राम है।
…तो देना होगा टैक्स
एसजीबी की मैच्योरिटी अवधि 8 साल होती है। इस अवधि के बाद इससे होने वाले मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं लगता है।
5 साल बाद सॉवरेन गोल्ड से पैसा निकालने पर इससे होने वाले लाभ पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स के रूप में 20.8 फीसदी टैक्स देना पड़ता है।
ऑनलाइन खरीद पर 50 रुपये छूट, मिलेगा ब्याज
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में ऑनलाइन आवेदन करने और डिजिटल भुगतान पर 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलेगी यानी एक ग्राम सोने के लिए आपको 5,091 की जगह 5,041 रुपये ही देने होंगे। खास बात है कि इसमें इश्यू प्राइज पर हर साल 2.50 फीसदी निश्चित ब्याज मिलता है, जो हर 6 महीने में आपके खाते में पहुंच जाता है। हालांकि, स्लैब के हिसाब से इस पर टैक्स देना होता है।
ऐसे भी खरीद सकते हैं सोना
फिजिकल गोल्ड : इसके जरिये भी सोने में निवेश कर सकते हैं। हालांकि, इसमें आभूषण के रूप में निवेश करने पर मेकिंग शुल्क देना पड़ता है। फिजिकल गोल्ड में निवेश करने के 36 महीने के भीतर बेचने पर स्लैब के हिसाब से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है। तीन साल बाद सोना बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स की दर से टैक्स देना होगा।
डिजिटल गोल्ड : इसमें निवेश अलग-अलग वॉलेट और बैंक एप के जरिये कर सकते हैं। न्यूनतम एक रुपये से डिजिटल गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। इसमें लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर 4 फीसदी सेस और सरचार्ज के साथ रिटर्न पर 20 फीसदी टैक्स लगता है। डिजिटल गोल्ड को 36 महीने से कम समय के लिए रखने पर रिटर्न पर सीधे टैक्स नहीं लगता है।
गोल्ड ईटीएफ : गोल्ड म्यूचुअल फंड और गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के जरिये भी सोने में निवेश कर सकते हैं। इसमें सोना वर्चुअल फॉर्म में होता है न कि फिजिकल स्वरूप में। दोनों पर फिजिकल गोल्ड के समान टैक्स लगता है।
मौजूदा हालात में जरूर लगाएं पैसा
मंदी की आशंका के बीच बढ़ती महंगाई और शेयर बाजारों में गिरावट को देखते हुए लंबे समय के लिए सोने में निवेश मुनाफा दिला सकता है। रुपये में लगातार गिरावट से पीली धातु को समर्थन मिल रहा है। आने वाले समय में सोना और महंगा होगा। इसलिए यह सॉवरेन गोल्ड खरीदने का अच्छा समय है।