सत्तासीन एनडीए को चुनौती देने के लिए बना इंडिया गठबंधन अब तक पूरी तरह एक साथ नहीं जुट पाया है। ऐसे में अब इस गठबंधन में कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। हाल ही में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता ममता बनर्जी ने इस गठबंधन के नेतृत्व की इच्छा जताई थी। इसके बाद से ही इंडिया के अधिकतर राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस पर गंभीरता से विचार करने की बात कही है।
लालू प्रसाद यादव के बयान से बढ़ी हलचल
गठबंधन में सहयोगी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने समर्थन करते हुए ममता बनर्जी को एक सक्षम नेता बताया है। वहीं विपक्षी गठबंधन के एक अन्य घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने इस संबंध में आम सहमति पर जोर दिया। अब लालू प्रसाद यादव ने भी कहा है कि इंडिया गठबंधन का नेतृत्व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दे देना चाहिए। वहीं कांग्रेस की आपत्ति के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनके कहने से कुछ नहीं होगा। ममता बनर्जी को ही नेतृत्व देना चाहिए। शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नेता और सांसद संजय राउत ने मंगलवार को इंडिया गठबंधन के नेतृत्व के सवाल पर कहा, “राहुल गांधी के नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं उठा रहा है। वे हम सबके नेता हैं। इंडिया गठबंधन के बारे में अगर हमारे कुछ साथी चाहे तृणमूल हो, चाहे लालू जी, अखिलेश जी हो, उनकी एक अलग राय बनती है। हम सबने मिलकर इंडिया गठबंधन बनाया है। अगर कोई नई बात रखना चाहता है और इंडिया गठबंधन को ताकत देना चाहता है, तो उसपर विचार होनी चाहिए और कांग्रेस को चर्चा में शामिल होकर अपनी बात रखनी चाहिए।” वहीं, पार्टी की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “हम यही कह रहे हैं कि इंडिया गठबंधन मिलकर ही फैसला लेगा। लेकिन ममता बनर्जी ने जो खुले दिल से इंडिया का नेतृत्व करने का प्रस्ताव रखा है, वह महत्वपूर्ण है। ममता जी का इतिहास में जो योगदान रहा है, विपक्ष में होने के नाते भी उन्होंने भागीदारी ली है। बंगाल में उन्होंने भाजपा के कदमों को चलने नहीं दिया है। अगर वे कोई जिम्मेदारी लेती हैं तो हमें विश्वास है कि वह इसे अच्छे से निभाएंगी और इंडिया गठबंधन का अच्छे से नेतृत्व करेंगी।” लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक अलग-अलग राज्यों के चुनाव में भी विपक्षी पार्टियों का यह गठबंधन पूरी तरह एक नहीं हुआ है। कभी कांग्रेस, कभी आम आदमी पार्टी तो कभी वाम दल…इस गठबंधन की कोई न कोई पार्टी किसी न किसी राज्य में अलग-थलग चुनाव लड़ते दिखाई पड़ी है।