उत्तरकाशी समेत देशभर में सामने आ रहे मस्जिद विवादों पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा कि इन विवादों से हिंदू और मुस्लिम दोनों को दुख होता है। लड़ाई-झगड़ा से इसका हल नहीं निकलेगा। बल्कि जिसके पास जो प्रमाण हो, उसे मिल-बैठकर देखकर, जहां जैसी परिस्थिति प्रमाणिक रूप से निकले वहां वैसा स्वरूप देना जाना चाहिए। बृहस्पतिवार को अपनी शीतकालीन चारधाम यात्रा पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन किए। यहां पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने उत्तरकाशी समेत देशभर में सामने आ रहे मस्जिद विवाद पर खुलकर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि जो मस्जिदें बनी हैं, जब उनके बारे में यह चर्चा होती है कि यह हिंदू धर्मस्थान को तोड़कर उनके ऊपर बना दी गई हैं तो इससे हिंदुओं में दुख और आक्रोश उत्पन्न होता है। वहीं, मुसलमानों को भी पीड़ा होती है कि कहीं उनके पूर्वज सही में अत्याचारी तो नहीं थे, उनके मन में यह भी आता है कि उनके पूर्वज अच्छे थे, लेकिन उनके बारे में झूठ फैलाया जा रहा है। हम यह चाहते हैं कि दुख के इस कारण को लड़ाई-झगड़ा करके दूर नहीं किया जाना चाहिए। बल्कि इस बारे में जिसके पास जो प्रमाण हों, मिल-बैठकर उन्हें देखें और देखकर जहां जैसी परिस्थिति प्रमाणिक रूप से निकलकर आए। यह एक सभ्य समाज की आवश्यकता है। इस मौके चारधाम महापंचायत के अध्यक्ष व गंगोत्री मंदिर के सचिव सुरेश सेमवाल, कथा वक्ता गोपाल मणि महाराज, चारधाम महापंचायत के महासचिव डॉ.बृजेश सती, विश्वनाथ मंदिर के महंत अजय पुरी, हनुमान मंदिर के पुजारी शिव प्रसाद भट्ट, राजेश सेमवाल, जयप्रकाश भट्ट, सुरेंद्र सिंह गंगाड़ी, मोहन डबराल आदि रहे।
मस्जिद विवाद पर बोले अविमुक्तेश्वरानंद महाराज-लड़ाई झगड़े से नहीं, बैठकर निकाला जाना चाहिए हल
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