द्धव ठाकरे वाली शिवसेना के नेता संजय राउत ने एक बार फिर महायुति पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में आए अस्वाभाविक जनादेश के कारण पिछले आठ दिनों से मुख्यमंत्री के चयन में देरी हो रही है। बता दें, विधानसभा चुनावों में महायुति को बड़ी जीत मिली है, जबकि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) लगातार अपनी हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ रहा है। राउत ने संकेत दिया कि महायुति में चल रहे मतभेदों के कारण कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सरकार गठन की कोशिशों के बीच अपने पैतृक गांव जाने को मजबूर होना पड़ा। महाराष्ट्र में चुनावी नतीजे घोषित होने के एक सप्ताह बाद भी नए मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस बकरार है। सीएम और डिप्टी सीएम के चेहरे को लेकर लगातार सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है। इस बीच, कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने पैतृक गांव चले गए। इस वजह से महाराष्ट्र सरकार के गठन पर फैसला लेने के लिए मुंबई में होने वाली महायुति की अहम बैठक स्थगित कर दी गई थी। इसके बाद अटकलें लगाई जाने लगी कि क्या शिंदे सरकार गठन के फैसले से नाराज हैं और इसलिए सतारा जिले में अपने गांव चले गए हैं। हालांकि, उनकी पार्टी के नेता उदय सामंत ने सभी अटकलों पर विराम लगाया। उन्होंने दावा किया कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री परेशान नहीं हैं। वो बुखार और सर्दी से पीड़ित होने के कारण अपने पैतृक गांव चले गए।
राउत ने कहा, ‘नतीजे घोषित हुए आठ दिन बीत चुके हैं, मगर महाराष्ट्र को मुख्यमंत्री नहीं मिल पाया है। कार्यवाहक मुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) अपने गांव चले गए हैं। ऐसा क्यों हो रहा है? शायद इसलिए क्योंकि नतीजे अस्वाभाविक हैं और लोगों की इच्छा के खिलाफ हैं। पूरे राज्य में आंदोलन हो रहे हैं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि मतदान के अंतिम घंटों में डाले गए मतों की संख्या में अचानक वृद्धि महाराष्ट्र और हरियाणा में महायुति की जीत का कारण बनी। उन्होंने आगे कहा, ‘महाराष्ट्र में 20 नवंबर को शाम पांच बजे से साढ़े ग्यारह बजे तक 76 लाख वोट पड़े। इन 76 लाख वोटों का क्या हुआ? इसी तरह हरियाणा में 14 लाख वोट बढ़े। वोटों की संख्या में अचानक वृद्धि होना महायुति की जीत का कारण था।’ उन्होंने कहा कि विपक्षी महा विकास आघाड़ी चुनाव परिणामों और इसके पीछे की तकनीकी पहलुओं का अध्ययन कर रहा है।