महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने रविवार को नांदेड़ में कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक चव्हाण के साथ बंद कमरे में मुलाकात की जिसके बाद से राज्य की सियासत गरमा गई है। इसके बाद से कई अटकलें लगने लगीं। राजनीतिक गलियारों में इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि मंत्री अब्दुल सत्तार समीक्षा बैठक में शामिल होने के तुरंत बाद अशोक चव्हाण से मिलने उनके आवास पर गए। उन्होंने लगभग आधे घंटे तक एक कमरे में बात की, जहां किसी भी पार्टी कार्यकर्ता को अनुमति नहीं दी गई थी। मीडिया से बात करते हुए सत्तार ने कहा कि चव्हाण और उनके दिवंगत पिता, पूर्व केंद्रीय मंत्री शंकरराव चव्हाण ने उनकी राजनीतिक यात्रा में उनका मार्गदर्शन किया था। सत्तार ने कहा कि उनके (चव्हाणों) की वजह से वह राजनीति में वर्तमान ऊंचाइयों को प्राप्त कर सके। चव्हाण को मराठवाड़ा और पूरे महाराष्ट्र के बारे में अच्छी जानकारी और समझ है। वह किसानों के मुद्दों से भी अच्छी तरह वाकिफ हैं। उनका आशीर्वाद लेने के अलावा, मैं कृषि मंत्री के रूप में अपना पोर्टफोलियो संभालने के लिए उनका मार्गदर्शन मांगूंगा। चव्हाण ने भी बैठक को लेकर लगाई जा रहीं अटकलों पर जवाब देते हुए कहा कि यह सत्तार की केवल शिष्टाचार भेंट थी और दो दलों के नेताओं के बीच बैठक में कुछ भी गलत नहीं है। हाल ही में, चव्हाण के अपने पार्टी नेतृत्व से नाराज होने की खबरें आई थीं, जिसने उन्हें एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था क्योंकि वह नवगठित एकनाथ शिंदे सरकार के खिलाफ विश्वास मत के दौरान अनुपस्थित थे। जिला प्रशासन के साथ समीक्षा बैठक के दौरान सत्तार ने अधिकारियों से अगले पांच दिनों में बारिश से हुई क्षति की घटनाओं के पंचनामा को पूरा करने को कहा। उन्होंने कहा कि जुलाई में नुकसान के लिए पंचनामा प्रक्रिया समाप्त हो गई है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में जुलाई के बाद भारी बारिश भी हुई है और इसका हिसाब दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रभावितों के लिए राहत योजनाओं को तैयार करने में लगी हुई है।
महाराष्ट्र में एक बार फिर से सियासी भूचाल! कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में शिंदे के मंत्री
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