महाराष्ट्र के नवी मुंबई के खारघर क्षेत्र में रविवार को खुले मैदान में आयोजित किए गए ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार समारोह में तेज धूप और भीषण गर्मी की चपेट में आने से 11 लोगों मौत हो गई। इस मामले में अब विपक्ष ने महाराष्ट्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मौजूद थे। समारोह में हजारों की भीड़ जमा थी। इस घटना की सूचना मिलने के बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और राकांपा नेता अजीत पवार ने एमजीएम कमोठे अस्पताल में इलाज करा रहे लोगों से मुलाकात की। साथ ही उन्होंने अस्पताल में डॉक्टर से बातचीत की और स्थिति का जायजा लिया। पीड़ित लोगों से मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम लोगों से मिले हैं, 4-5 लोगों से बातचीत की, उनमें से दो की हालत गंभीर है। कार्यक्रम की योजना ठीक से नहीं बनाई गई थी। आखिर इस घटना की जांच कौन करेगा? वहीं, अजीत पवार ने कहा कि हमने देखा कि एक मरीज वेंटिलेटर पर है और उसकी हालत गंभीर है। बाकी लोगों ने हमसे बात की… यह एक बहुत ही गंभीर घटना है… इसकी जांच होनी चाहिए। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि नवी मुंबई और पनवेल शहर के अस्पतालों में कुछ मरीज ‘वेंटिलेटर’ पर हैं और उनकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। कुछ लोगों को खारघर के टाटा अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुछ मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि कुछ अभी भी अस्पतालों में भर्ती हैं और चिकित्सकों की देखरेख में हैं। बताया गया है कि घटनास्थल के निकटतम मौसम केंद्र ने अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया।
मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का एलान
सीएमओ द्वारा विज्ञप्ति जारी किए जाने से पहले सीएम शिंदे ने नवी मुंबई के एक अस्पताल के बाहर संवाददाताओं से कहा कि अस्पताल में कम से कम 50 लोगों को भर्ती कराया गया था, जिनमें से 24 अभी भी भर्ती हैं जबकि बाकी को प्राथमिक उपचार के बाद वहां से छुट्टी दे दी गई उन्होंने इन मौतों को ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया। शिंदे ने कहा कि प्रत्येक मृतक के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘इस घटना के चलते अस्पताल में भर्ती हुए लोगों को मुफ्त इलाज मुहैया किया जाएगा। राज्य सरकार उनके इलाज के लिए अपने खजाने से भुगतान करेगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि अगर मरीजों का अतिरिक्त इलाज किए जाने की जरूरत है, तो उन्हें विशेष अस्पतालों में भेजा जाए।