मुंबई/भिवंडी, कोरोना की बेकाबू स्पीड के बीच महाराष्ट्र में मिनी लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है। ऐसे में मुंबई और आसपास के इलाकों में प्रवासी मजदूरों की टेंशन बढ़ गई है। खासकर भिवंडी जैसे इलाके में बड़ी तेजी से मजदूरों का पलायन जारी है। पावरलूम मालिकों के अनुसार, पिछली साल के लॉकडाउन से सबक लेते हुए लगभग 50 प्रतिशत मजदूर मुलुक जा चुके हैं। इसके बाद भी मजदूरों का जाना थम नहीं रहा है। पावरलूम मजदूरों के जाने के कारण इस समय एक पाली में भी कारखाना चलाना मुश्किल हो गया है। यदि यही स्थिति रही तो अप्रैल के अंत तक भिवंडी मजदूरों से खाली हो जाएगी।
इन जगहों के कामकाज पर पड़ेगा असर इसका असर पावरलूम इंडस्ट्री सहित उससे जुड़े साइजिंग, डाइंग कंपनियों के अलावा मोती कारखाना एवं गोदामों के कामकाज पर पड़ेगा। मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए प्रशासन को विशेष उपाय योजना किया जाना चाहिए। नहीं तो व्यवसाय के साथ रोजगार भी चला जाएगा।…तब पैदल ही चल पड़े थे मजदूर
पिछले वर्ष लॉकडाउन के दौरान अचानक ट्रेन आदि आवागमन के साधन बंद किए जाने के कारण भारी संख्या में मजदूरों ने पैदल ही पलायन किया था। कई दिनों तक पैदल चलकर गांव पहुंचने वाले मजदूरों की पीड़ा कोई नहीं भुला सकता। जिसके कराण इस वर्ष लॉकडाउन लगने के डर से मजदूरों ने पहले से ही पलायन करना शुरू कर दिया।
शांतिनगर पावरलूम वीवर्स असोसिएशन के अध्यक्ष हाजी अब्दुल मन्नान सिद्दीकी बताते हैं कि पावरलूम मालिकों द्वारा हाथ जोड़ने के बाद भी मजदूर जाने से नहीं रुक रहे हैं। मजदूर पावरलूम मालिक से कहते हैं कि उनकी मजदूरी नहीं मिलेगी। इसके बाद भी वह रुकने वाले नहीं हैं। लॉकडाउन के दौरान पिछले वर्ष की यातना उन्होंने झेली है। रोजाना भारी संख्या में मजदूरों के जाने के कारण पावरलूम कारखाने खाली होते जा रहे हैं।
मजदूरों को चाय तक नहीं मिल रही
मजदूरों के बड़ी तेजी से हो रहे पलायन को लेकर पीडिक्सिल के पूर्व चेयरमैन एवं भिवंडी पद्मानगर पावरलूम वीवर्स असोसिएशन के पुरुषोत्तम वंगा ने बताया कि इस समय रात्रि लॉकडाउन है। जिसके तहत शाम आठ बजे से सुबह सात बजे तक सभी दुकानों आदि को बंद करा दिया जा रहा है। रात के समय पावरलूम चलाने वाले मजदूर हर दो घंटे बाद चाय एवं बीड़ी आदि पीते हैं। लेकिन चाय की दुकानें एवं होटल आदि भी आठ बजे से बंद होने के कारण मजदूरों को रात में कुछ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में मजदूर यहां से जाने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं।
कड़े लॉकडाउन का विरोध
पावरलूम संगठनों ने कड़े लॉकडाउन का सख्त विरोध किया है। पावरलूम मालिकों ने कहा है कि बार-बार लॉकडाउन लगाने से उद्योग-धंधे बंद हो जाएंगे। पिछले वर्ष लॉकडाउन लगाए जाने से ही बाहर के कपड़ा व्यापारियों ने मुंबई आना बंद कर दिया है। यदि फिर कड़ा लॉकडाउन लगाया गया, तो यहां का कपड़ा व्यवसाय गुजरात में शिफ्ट होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
‘पावरलूम संगठनों से करें चर्चा’
पुरुषोत्तम वंगा ने कहा कि लॉकडाउन लगाए जाने से पहले राज्य पावरलूम केंद्र भिवंडी, मालेगांव, इचलकरंजी एवं सोलापुर के स्थानीय प्रशासन को पावरलूम संगठनों के प्रतिनिधियों से चर्चा करनी चाहिए, ताकि पावरलूम इंडस्ट्री चलती रहे। इससे व्यवसाय एवं रोजगार दोनों बचा रहेगा। उन्होंने शाम आठ बजे के बजाय रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक बंद करने का सुझाव दिया था।
महाराष्ट्र में ‘मिनी लॉकडाउन’ से नहीं थम रहा मजदूरों का पलायन
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