#BREAKING LIVE :
मुंबई हिट-एंड-रन का आरोपी दोस्त के मोबाइल लोकेशन से पकड़ाया:एक्सीडेंट के बाद गर्लफ्रेंड के घर गया था; वहां से मां-बहनों ने रिजॉर्ट में छिपाया | गोवा के मनोहर पर्रिकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरी पहली फ्लाइट, परंपरागत रूप से हुआ स्वागत | ‘भेड़िया’ फिल्म एक हॉरर कॉमेडी फिल्म | शरद पवार ने महाराष्ट्र के गवर्नर पर साधा निशाना, कहा- उन्होंने पार कर दी हर हद | जन आरोग्यम फाऊंडेशन द्वारा पत्रकारो के सम्मान का कार्यक्रम प्रशंसनीय : रामदास आठवले | अनुराधा और जुबेर अंजलि अरोड़ा के समन्वय के तहत जहांगीर आर्ट गैलरी में प्रदर्शन करते हैं | सतयुगी संस्कार अपनाने से बनेगा स्वर्णिम संसार : बीके शिवानी दीदी | ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आरती त्रिपाठी हुईं सम्मानित | पत्रकार को सम्मानित करने वाला गुजरात गौरव पुरस्कार दिनेश हॉल में आयोजित किया गया | *रजोरा एंटरटेनमेंट के साथ ईद मनाएं क्योंकि वे अजमेर की गली गाने के साथ मनोरंजन में अपनी शुरुआत करते हैं, जिसमें सारा खान और मृणाल जैन हैं |

महाराष्ट्र में सरकार बदलने से बड़ी हुई शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई, सियासी ड्रामे से धूमिल हो रही छवि

478

भाजपा महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा पेश करने को लेकर जल्दी में नहीं है। असल में भाजपा शिवसेना के आंतरिक संघर्ष के नतीजों के आधार पर फैसला करेगी। फिलहाल भाजपा शिवसेना के संघर्ष को इसके नगर निगमों, नगर निकायों व कस्बों तक के स्तर पर उतरने का इंतजार कर रही है। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने दावा किया है कि महाराष्ट्र में मौजूदा सत्ता संघर्ष केवल राज्य में सत्ता परिवर्तन का नहीं है, बल्कि शिवसेना के अस्तित्व का है। भाजपा नेता ने दावा किया कि असल में एनसीपी चाहती है कि शिवसेना पूरी तरह से खत्म हो जाए, क्योंकि दोनों ही दलों की मराठा राजनीति पर गहरी पकड़ है। स्वाभाविक तौर पर शिवसेना के नहीं होने का लाभ एनसीपी उठाना चाहेगी, इसी वजह से एनसीपी शिवसेना को अपनी मूल विचारधारा और कोर मतदाताओं से दूर करने में जुटी है। उन्होंने कहा कि सीएम ठाकरे इस्तीफा नहीं देने पर अड़े हैं, जबकि ठाकरे बिना जिद के मुख्यमंत्री पद छोड़ देते, तो यकीनन उन्हें जनता की सहानुभूति मिलती, लेकिन उनके इस अड़ियल रवैये से लोगों के बीच उनकी छवि खराब हो रही है। हालांकि, भाजपा नहीं चाहती कि बालासाहेब ठाकरे की सियासी विरासत इस तरह धूल में मिल जाए, इसी वजह से एकनाथ शिंदे को मजबूत किया जा रहा है।

शिंदे गुट का कांग्रेस और एनसीपी से 36 का आंकड़ा

शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे गुट कांग्रेस-एनसीपी से खार खाये बैठा है। बागी 38 विधायकों की एक ही मांग है कि शिवसेना महाविकास आघाड़ी से बाहर निकले। वह नहीं चाहते कि शिवसेना का गठबंधन कांग्रेस-एनसीपी से बना रहे। बागियों और कांग्रेस-एनसीपी के बीच 36 के आंकड़े की बड़ी दिलचस्प तस्वीर सामने आई है। शिवसेना विधायकों के कुल 55 आंकड़ों पर गौर करें, तो पता चलता है कि 21 विधायकों ने चुनाव में एनसीपी उम्मीदवार को हराया है। वहीं, कांग्रेस के 15 उम्मीदवारों से लोहा लेकर विधानसभा पहुंचे हैं।

एनसीपी विधायकों को 700-800 करोड़ शिवसेना के विधायकों को 50-55 करोड़

शिवसेना के बागी विधायक महेश शिंदे ने दावा किया कि शिवसेना के विधायकों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 50 से 55 करोड़ रुपये की राशि दी गई, जबकि एनसीपी के विधायकों को 700 से 800 करोड़ रुपये मिले। यहां तक कि एनसीपी के उन विधायकों को भी ज्यादा पैसा दिया गया, जिन्हें पहले के चुनावों में शिवसेना नेताओं ने हराया था। शिवसेना के कई विधायकों को तो कार्यक्रमों में भी आमंत्रित नहीं किया जा रहा था।

संकट के बीच ठाकरे परिवार के पीछे खड़ी शिवसेना कार्यकारिणी, बैठक में पारित किए गए छह प्रस्ताव

शिवसेना में बगावत के बाद सत्ता और पार्टी की विरासत को बचाने में जुटी शिवसेना ने शनिवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक बुलाई। बैठक में कुल 6 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई और पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर पूरा भरोसा जताते हुए उन्हें बागियों के खिलाफ कार्रवाई का सर्वाधिकार सौंप दिया गया। हालांकि बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे को शिवसेना नेता पद से हटाने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ। शिवसेना भवन दादर में हुई इस बैठक में पार्टी के बागी विधायकों की निंदा की गई और मुख्यमंत्री के रूप में उद्धव ठाकरे कामकाज की प्रशंसा करते हुए अभिनंदन प्रस्ताव पारित हुआ। इसके साथ ही, मुंबई मे हुए विकास कार्यों के लिए उद्धव ठाकरे के पुत्र और राज्य सरकार के मंत्री आदित्य ठाकरे का भी अभिनंदन किया गया।

बागी गुट बोला- हमने पार्टी नहीं छोड़ी, शिंदे हमारे नेता

महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी सरकार को संकट में डालने वाले बागी शिवसेना विधायकों ने शनिवार को कहा कि उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी है। बागी गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा, हमारे पास दो तिहाई विधायक हैं और इसलिए एकनाथ शिंदे अब भी शिवसेना विधायक दल के नेता हैं। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ मतभेद की वजह भाजपा के साथ गठबंधन तोड़कर 2019 में एनसीपी और कांग्रेस के साथ जाने का उनका फैसला है। केसरकर ने कहा, गुवाहाटी जाने से पहले मैंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की थी लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। हमने मुख्यमंत्री से उनका इस्तीफा नहीं मांगा था। हम तो केवल यही चाहते थे कि शिवसेना-भाजपा मिलकर सरकार बनाए, क्योंकि एनसीपी हमें खत्म कर रही है।

1 Comment

  1. проститутки трансы самары
    Задумались, где вызвать индивидуалку в городе Самара? У нас есть лучшие шлюхи этого города для наслаждения! У нас только профессиональные шлюхи с безупречным внешним видом и лучшим сервисом. Планируете пригласить проститутку на свидание? Свяжитесь с нами, и все ваши желания будут выполнены!

    Не упустите шанс провести досуг с самыми сексуальными девушками Самары. ??

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *