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महेश जेठमलानी बोले- हिंडनबर्ग ने सेबी को जवाब देने के बजाय माधबी बुच को निशाना बनाया, आरोप बकवास

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने नए आरोपों को लेकर रविवार को हिंडनबर्ग रिसर्च पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर ने बाजार नियामक के नोटिस का जवाब देने के बजाय सेबी प्रमुख माधबी बुच पर हमला किया है। जेठमलानी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि हिंडनबर्ग के कथित बड़े खुलासे से पहले ही घोषणा से इसके मकसद का पता चलता है। इसका मकसद भारत के शेयर बाजार को अस्थिर करना है। एक प्रतिष्ठित शोध विश्लेषक को पहले प्रचार करना अनुचित है। जहां तक अदाणी समूह का सवाल है तो उसके खिलाफ कुछ भी नया नहीं है।  उन्होंने कहा, अब निशाने पर सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच हैं। सेबी ने हिंडनबर्ग को नोटिस जारी कर अदाणी के शॉर्ट सेल की परिस्थितियों के बारे में जानकारी मांगी थी, जिसका उसे हक था। कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के बजाय हिंडनबर्ग ने हितों के टकराव के आधार पर सेबी अध्यक्ष को निशाना बनाने का विकल्प चुना। जेठमलानी ने कहा, बुच की ओर से एक विस्तृत बयान जारी होने के बाद हमला किस आधार पर आधारित है। इसके बारे में और अधिक जानकारी नहीं है। यह कहना काफी है कि यह आधार प्रथम दृष्टया बकवास हैं। वरिष्ठ वकील ने सरकार से उन लोगों पर गंभीरता से फोकस करने का भी आग्रह किया जो कथित तौर पर अर्थव्यवस्था को तबाह करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले 19 जुलाई को जेठमलानी ने सरकार से उन राजनेताओं के संपर्क की जांच करने का भी आग्रह किया था, जिन्होंने हिंडनबर्ग रिपोर्ट सामने आने के बाद अदाणी समूह को निशाना  बनाने की कोशिश की थी। उन्होंने अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के पीछे कथित तौर चीनी हाथ बताया था, जिसने अदाणी समूह को निशाना बनाया था। हिंडनबर्ग ने 10 अगस्त को एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया है कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है, जिसके माध्यम से भारत में अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करवाकर अदाणी ने लाभ उठाया था। इसे व्यापार का गलत तरीका माना जाता है। हिंडनबर्ग का आरोप है कि उसने जनवरी 2023 में अडानी ग्रुप पर जो खुलासा किया था, उस पर सेबी ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। उसका आरोप है कि यह जांच केवल इसलिए नहीं की गई क्योंकि सेबी प्रमुख और अडानी ग्रुप के हित एक-दूसरे से जुड़े हुए थे।
आरोपों पर अदाणी समूह ने क्या कहा
अदाणी समूह ने कहा, ‘हिंडनबर्ग की तरफ से लगाए गए ताजा आरोप दुर्भावनापूर्ण हैं। इसके लिए फर्म गलत इरादों से सार्वजनिक तौर पर मौजूद जानकारी के बहकाने वाले तरीके से चुनकर, तथ्यों और कानूनों की उपेक्षा कर निजी लाभ हासिल करने के लिए पूर्व निर्धारित निष्कर्षों पर पहुंची है।’ समूह ने आगे कहा, ‘हम अदाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं। यह आरोप गलत दावों का पुनर्चक्रण है, जिनकी पूरी तरह से जांच की गई और निराधार साबित हुए। इस साल जनवरी में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पहले ही इन आरोपों को खारिज कर दिया गया है।’ समूह ने कहा, ‘यह दोहराया जाता है कि हमारी विदेशी होल्डिंग संरचना पूरी तरह से पारदर्शी है। इसमें उल्लिखित बातें हमारी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की सोची समझी जानबूझकर की गई कोशिश हैं। हम पारदर्शिता और सभी कानूनी और अनुपालन के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध रहें हैं। भारतीय के कई उल्लंघनों के लिए जांच के दायरे में एक हिंडनबर्ग भारतीय कानूनों के प्रति पूर्ण अवमानना रखने वाली एक हताश इकाई है।’