महाराष्ट्र के मुंबई में पुलिस ने जालसाजी के एक आरोपी को मामला दर्ज होने के 27 साल बाद गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान विरेंद्र सांघवी के रूप में हुई है। मुंबई की डीबी मार्ग पुलिस ने 68 वर्षीय विरेंद्र सांघवी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने कंपनी के शेयर बेचने को लेकर धोखाधड़ी की थी। मामला दर्ज होने के बाद से आरोपी बीते 27 सालों से पुलिस को चकमा दे रहा था। खबर के अनुसार, राजीव खंडेलवाल नामक व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में राजीव खंडेलवाल ने बताया कि एक व्यक्ति ने विभिन्न कंपनियों के शेयर देने के नाम पर उसे 20 लाख रुपए की चपत लगा दी थी। आरोपी ने राजीव को फर्जी शेयर ट्रांसफर सर्टिफिकेट दिखाकर 20 लाख रुपए ऐंठ लिए थे। इसके बाद से पुलिस आरोपी विरेंद्र सांघवी की तलाश कर रही थी। अब 27 साल बाद पुलिस को सफलता मिली है और पुलिस ने आरोपी विरेंद्र सांघवी को गिरफ्तार कर लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल ही में बिहार के वैशाली से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। जहां वाहन लूटकांड और मारपीट के एक आरोपी को पुलिस ने 20 साल बाद गिरफ्तार किया। हैरानी की बात ये है कि अब आरोपी सरकारी शिक्षक है। खबर के अनुसार, आरोपी हरीशचंद्र प्रसाद सिंह ने साल 2003 में एक पिकअप गाड़ी को किराए पर लिया था लेकिन रास्ते में ही अपने साथियों के साथ मिलकर गाड़ी के ड्राइवर को बुरी तरह पीटा और गाड़ी लेकर फरार हो गया था। इसके चलते आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था लेकिन बीते 20 सालों से पुलिस आरोपी को पकड़ नहीं पाई थी। फिलहाल वह बतौर सरकारी शिक्षक मुजफ्फरपुर जिले में तैनात था। अब सवाल उठ रहे हैं कि जब आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज था तो उसे सरकारी नौकरी कैसे मिल गई? पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मामला दर्ज होने के 27 साल बाद धरा गया जालसाज, 20 लाख की धोखाधड़ी के मामले में था फरार
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