अदाणी समूह के मुखिया गौतम अदाणी ने मुंबई के धारावी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। गौतम अदाणी ने कहा है कि मुंबई मेरा दूसरा घर है। मैं यह नहीं मानता कि मैं यहां बाहरी हूं। मुंबई में कोई बाहरी नहीं होता क्योंकि मुंबई सभी का खुले दिल से स्वागत करती है। मुझे गर्व और सौभाग्य का अनुभव होता है कि मुझे धारावी के पुनर्विकास का नेतृत्व करने का मौका मिला है। धारावी को मुंबई का ‘दिल’ और ‘छोटा इंडिया’ भी कहा जाता है। ये बस्ती मुंबई की ऊंची-ऊंची इमारतों के बीच बसी हुई है। 1882 में अंग्रेजों ने धारावी को बसाया था। इसे बसाने का मकसद ये था कि मजदूरों को किफायती ठिकाना दिया जा सके। धीरे-धीरे यहां लोग बसने लगे और और झुग्गी-बस्तियां बन गईं। महाराष्ट्र सरकार की ओर से अदाणी ग्रुप को धारावी रीडेवलपमेंट का ठेका मिला है। ग्रुप का वादा है कि वह यहां बसने वाले लोगों को ना सिर्फ बेहतर रहने की जगह देगा, बल्कि यहां की छोटी और लघु इकाइयों का संरक्षण और उन्हें आगे बढ़ाने का भी काम करेगा। मुंबई के धारावी को अदाणी ग्रुप एक ‘मॉर्डन सिटी सेंटर’ में बदलने का इरादा रखता है। धारावी एशिया की सबसे बड़ी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी बस्ती है जहां 2.5 वर्ग किलोमीटर में 10 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। धारावी में 58 हजार परिवार और करीब 12 हजार कमर्शियल कॉम्प्लेक्स हैं।
‘मुंबई मेरा दूसरा घर, धारावी का पुनर्विकास मेरे लिए सौभाग्य का काम’, प्रोजेक्ट पर बोले गौतम अदाणी
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