बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को गिरफ्तार सिपाही रियाजुद्दीन काजी को जमानत दे दी है। काजी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एक वाहन में विस्फोटक मिलने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि काजी ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की मिलीभगत से सबूतों को नष्ट किया था। जब अंबानी के आवास एंटीलिया के बाहर जिलेटिन स्टिक्स से लदी स्कॉर्पियो कार मिली थी। तब सचिन वाजे के साथ काम करने वाले काजी को मुंबई क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट में तैनात किया गया था। काजी पर आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश का पक्ष) और 201 (अपराध के सबूत मिटाने) के आरोप लगाए गए हैं। पिछले साल 13 मार्च को सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद काजी की भूमिका सामने आई थी। दरअसल, 25 फरवरी, 2021 को मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के बाहर लावारिस मिले एक वाहन में विस्फोटक बरामद किए गए थे। इस वाहन को लेकर कारोबारी हिरेन मनसुख ने दावा किया था कि यह चोरी हो गया था। इसके बाद गत वर्ष 5 मार्च को मनसुख मुंबई के समीप ठाणे जिले में एक नाले में मृत मिला था। इस मामले ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया था। इसी मामले में आगे चलकर मुंबई व महाराष्ट्र पुलिस पर अवैध वसूली के आरोप लगे थे। मुंबई के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की अवैध वसूली के आरोप लगाए थे। देशमुख व वाजे अब भी जेल में हैं।
मुकेश अंबानी के एंटीलिया आवास बम मामले में सिपाही काजी को मिली जमानत, सबूत मिटाने का है आरोप
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