देश में बाल विवाह के खिलाफ काफी जागरुकता आ चुकी है लेकिन अभी भी कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां यह कुप्रथा जारी है। हालांकि अब पुलिस की पहल और जनजागरुकता से देश के पिछड़े इलाकों में भी बाल विवाह के खिलाफ माहौल बन रहा है। बता दें कि महाराष्ट्र के आदिवासी बहुल पालघर जिले में लोगों ने बाल विवाह करने वाले परिवारों का सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला किया है। पुलिस ने यह जानकारी दी है। दरअसल पालघर पुलिस ने जन संवाद अभियान की शुरुआत की है। इसके तहत लोगों को बाल विवाह के खिलाफ जागरुक किया गया और उन्हें इसके नुकसान के बारे में बताया गया। इसके बाद वादा और विक्रमगढ़ तालुका के कई गांवों में लोगों ने बाल विवाह करने वाले परिवारों का सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला किया है। जिले के पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटिल ने खुद गांव वालों के साथ कई बैठकें की। पुलिस की बैठकों के दौरान लोगों को खासकर महिलाओं को बाल विवाह की वजह से कम उम्र में लड़कियों के मां बनने, समय से पहले बच्चों के जन्म और बच्चों के जन्म के समय होने वाली परेशानियों के बारे में जागरुक किया गया। इससे पहले विक्रमगढ़ तालुका के खुदेद और विजय नगर गांव में भी लोगों ने 18 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी ना करने का प्रण लिया था। अब पुलिस जिले के अन्य गांवों में भी अपनी इस पहल के जरिए लोगों को जागरुक करने में जुटी है।
मेरा देश बदल रहा है…पालघर के आदिवासी इलाकों में बाल-विवाह रोकने की अनूठी पहल
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