सूरत के एक कोर्ट की ओर से 2019 के मानहानी मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त हो गई है। अब इस मामले पर कांग्रेस भाजपा पर हमलावर हो गई है। इस बीच सोशल मीडिया पर कलाकार से राजनीतिज्ञ बनीं खुशबू सुंदर का 2018 एक ट्वीट वायरल हो रहा है। यह ट्वीट उन्होंने 2018 में कांग्रेस पार्टी में रहते हुए किया था। फिलहाल खुशबू भाजपा में हैं और राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य हैं। 2018 में किए गए एक ट्वीट में उन्होंने भी राहुल गांधी की ही तरह मोदी सरनेम पर सवाल उठाए थे। उन्होंने लिखा था, यहां मोदी वहां मोदी जहां देखो मोदी, ले ये क्या? हर मोदी के आगे भ्रष्टाचार सरनेम लगा हुआ है…#मोदी मतलब #भ्रष्टाचार… लेट्स चेंज द मीनिंग ऑफ मोदी टू करप्शन…सुट्स बेटर..#नीरव#नमो=करप्शन…” कांग्रेस के कई नेताओं ने अब अपने सोशल मीडिया अकाउंट से इस ट्वीट का स्क्रीनशॉट साझा किया और सवाल किया कि है क्या अब गुजरात के विधायक पूर्णेश मोदी खुशबू सुंदर के खिलाफ मामला दर्ज करेंगे, जो अब भाजपा में हैं और राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य हैं। सूरत की एक अदालत ने गुरुवार (23 मार्च) को राहुल गांधी को उनके मोदी उपनाम वाली टिप्पणी के लिए दो साल की सजा सुनाई और शुक्रवार (24 मार्च) को राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया। इससे बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है और सभी विपक्षी दलों ने इस फैसले की निंदा करते हुए इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। कांग्रेस ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा की है जबकि पार्टी सूरत की अदालत के आदेश को ऊपरी अदालत में चुनौती देगी। बता दें कि अदालत में राहुल गांधी ने अपने बयान के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया था। हालांकि उनकी ओर से कहा गया कि टिप्पणी जानबूझकर नहीं की गई थी और शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी को चोट आहत करने का कोई इरादा नहीं था। राहुल गांधी के खिलाफ इसी तरह का मानहानि का एक मामला सुशील मोदी ने पटना में भी दर्ज कराया है। जिन्होंने कहा था कि वह भी राहुल गांधी की टिप्पणी से आहत हैं। खुशबू सुंदर ने अपने पुराने ट्वीट पर कोई कमेंट नहीं किया है, न ही उसे डिलीट किया है। राहुल गांधी के लोकसभा से निलंबन पर भाजपा नेता ने कहा, ”उन्होंने कुछ दिन पहले कहा था कि वह दुर्भाग्य से सांसद हैं। उनके शब्द सच हो गए हैं। कहानी से यही सीख मिलती है कि सकारात्मक सोचें। नकारात्मकता आपको कहीं नहीं ले जाती है। खुशबू ने ट्वीट किया, “मनमोहन सिंह जी 2013 में पारित सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अध्यादेश लाना चाहते थे। @RahulGandhi इसे टुकड़ों में फाड़ दिया। विडंबना यह है कि उनकी अयोग्यता उसी फैसले के तहत हुई है।”
मोदी सरनेम पर BJP नेता का पांच साल पुराना ट्वीट वायरल, कांग्रेस ने पूछा- उन पर होगी कार्रवाई?
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