भारत और इंग्लैंड के बीच जब टेस्ट सीरीज की शुरुआत हुई थी और टीम इंडिया को हैदराबाद में खेले गए पहले टेस्ट में 28 रन से हार मिली थी, तो रोहित शर्मा की कप्तानी की जमकर आलोचना हुई थी। तब बेन स्टोक्स को बेहतर कप्तान और ‘बैजबॉल’ को सबसे बेहतर रणनीति बताया गया था। हालांकि, जैसे-जैसे सीरीज आगे बढ़ती गई और टीम इंडिया ने 4-1 से सीरीज अपने नाम की, वैसे-वैसे बैजबॉल की रणनीति फिसड्डी साबित हुई। साथ ही रोहित हीरो और बेहतर कप्तान बनकर उभरे। रोहित एंड कंपनी ने बैजबॉल को ध्वस्त कर दिया। इस जीत से सबसे ज्यादा खुश टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ नजर आए और पांचवें टेस्ट के बाद उन्होंने इस युवा टीम की जमकर तारीफ की। मैच के बाद उनसे टूर्नामेंट के सबसे खास पल के बारे में भी पूछा गया। हालांकि, द्रविड़ ने यशस्वी जायसवाल के दोहरे शतक को न चुनते हुए एक ऐसे पल को चुना जिसने वाकई बीसीसीआई के प्रति फैंस के प्यार को और बढ़ा दिया था। मैच के बाद द्रविड़ ने कहा- मुझे एक प्यारी टीम के साथ काम करने का सौभाग्य मिला है। मैं हर समय उनसे कुछ न कुछ सीख रहा हूं। रोहित के साथ काम करना शानदार रहा है। मुझे लगता है कि वह शानदार कप्तान हैं और युवा खिलाड़ी उनकी तरफ आकर्षित होते हैं जो देखना शानदार है।’ द्रविड़ ने कहा कि भारत ने सीरीज में जीत दर्ज की और टीम में कई शानदार लम्हें आए, लेकिन फैमिली इमरजेंसी से रविचंद्रन अश्विन की वापसी पूरे टूर्नामेंट का सबसे खास पल था। उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि अश्विन ने इतना कुछ सहने के बाद जिस तरह से टीम में वापसी की (स्टैंड-आउट मोमेंट के रूप में) वह खास था। वह पारिवारिक आपातकाल के बावजूद वापस आना चाहते थे और टीम की जीत में योगदान देना चाहते थे। मुझे लगता है, मेरे लिए यह दर्शाता है कि यह टीम किस ओर बढ़ रहा है और इस टीम का चरित्र क्या है। मुझे लगता है कि यह मेरे लिए इस सीरीज का सबसे खास पल था। जिस तरह का माहौल तैयार किया गया है, उसके कोच के रूप में यह वास्तव में आपके दिल को खुश करता है।
अश्विन को राजकोट में तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन पारिवारिक आपात स्थिति के कारण चेन्नई जाना पड़ा था, लेकिन अनुभवी ऑफ स्पिनर तीसरे टेस्ट के चौथे दिन एक्शन में वापस आ गए थे। भारतीय टीम के दरवाजे ईशान किशन और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ियों के लिए अब बंद करने की बात हो रही है क्योंकि उन्होंने रणजी ट्रॉफी में खेलने के बीसीसीआई के फरमान की अवहेलना की थी, लेकिन द्रविड़ ने इसे स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘रोहित और मैं प्लेइंग-11 का चयन कर रहे हैं। कई बार मैं यह भी नहीं जानता कि कौन अनुबंधित है और कौन नहीं। इसलिए कोई भी टीम इंडिया में आने के परिदृश्य से बाहर नहीं है।’ कुलदीप यादव ने रिस्ट स्पिन से कहर बरपाया और जरूरत पड़ने पर लोअर ऑर्डर में सूझबूझ वाली बल्लेबाजी भी की। कुलदीप में सुधार को देखकर द्रविड़ काफी खुश थे। उन्होंने कहा, ‘कुलदीप यादव के लिए यह मुश्किल था। वह ऐसे समय में गेंदबाजी कर रहे हैं जब दो दिग्गज (अश्विन और रविंद्र जडेजा) टीम के लिए खेल रहे हैं। वह टीम में एक्स-फैक्टर लेकर आते हैं। उन्होंने अपनी बल्लेबाजी पर भी कड़ी मेहनत की है जो बोनस है।’ भारत के ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर ने हाल ही में बड़े खिलाड़ियों से रणजी ट्रॉफी के व्यस्त कार्यक्रम पर ध्यान देने का आग्रह किया था, जो उन्होंने कहा था कि खिलाड़ियों पर बहुत दबाव डाल रहा है। इस फैसले को गंभीरता से लेते हुए द्रविड़ ने कहा कि खिलाड़ियों के विचारों पर जल्द से जल्द विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा- हमें खिलाड़ियों को सुनने की जरूरत है। वह खुद को रिस्क पर रखकर खेल रहे हैं। अगर वे व्यस्त कार्यक्रम की बात कर रहे हैं तो हमें देखना होगा कि घरेलू कार्यक्रम को बेहतर तरीके से कैसे मैनेज किया जाए।