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राहुल गांधी का आएसएस प्रमुख पर हमला, कहा- मोहन भागवत ने किया संविधान का अपमान

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कांग्रेस और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत ने संविधान पर हमला किया। यह देशद्रोह और संविधान का अपमान है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का कर्तव्य है कि वह पारदर्शिता के साथ चुनाव कराए। आयोग का दायित्व है कि वह हमें महाराष्ट्र, हरियाणा चुनावों का डाटा दे, लेकिन वे हमें डाटा देने से इनकार कर रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि कल मोहन भागवत ने कहा कि संविधान हमारी स्वतंत्रता का प्रतीक नहीं है। लेकिन इसके बाद भी पंजाब, कश्मीर, पूर्वोत्तर में हमारे हजारों कार्यकर्ता मारे गए। मगर कांग्रेस फिर भी कुछ खास मूल्यों के लिए खड़ी रही है। हम इस इमारत में उन मूल्यों को देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी दुनिया स्वयं से बाहर पर ध्यान केंद्रित करती है, जबकि भारतीय सोच का तरीका स्वयं को समझने के बारे में है। भारत में भी स्वयं के बारे में दो दृष्टिकोण हैं, जो संघर्ष है। एक हमारा संविधान का विचार और दूसरा आरएसएस का विचार है। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत हर 2-3 दिन में देश को यह बताते हैं कि वे स्वतंत्रता आंदोलन और संविधान के बारे में क्या सोचते हैं? कल उन्होंने जो कहा वह देशद्रोह है। भागवत ने कहा कि संविधान अमान्य है और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई अमान्य थी। भारत में उन्हें सार्वजनिक रूप से यह कहने की हिम्मत है। किसी अन्य देश में अगर वे ऐसा कहते तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता और उन पर मुकदमा चलाया जाता। यह कहना कि भारत को 1947 में आजादी नहीं मिली हर भारतीय का अपमान है। अब समय आ गया है कि हम इस बकवास को सुनना बंद करें, क्योंकि ये लोग सोचते हैं कि वे बस रटते रहेंगे और चिल्लाते रहेंगे। राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि आज जो लोग सत्ता में हैं, वे तिरंगे को सलाम नहीं करते, राष्ट्रीय ध्वज को नहीं मानते, संविधान को नहीं मानते और भारत के बारे में उनका नजरिया हमसे बिल्कुल अलग है। वे चाहते हैं कि भारत को एक छायादार, छिपा हुआ और गुप्त समाज चलाए। वे चाहते हैं कि भारत को एक आदमी द्वारा चलाया जाए और वे इस देश की आवाज को कुचलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ी जातियों और आदिवासियों की आवाज को बंद करना चाहते हैं। यह उनका एजेंडा है और मैं कहना चाहूंगा कि इस देश में कोई भी दूसरी पार्टी नहीं है जो उन्हें रोक सके। उन्हें रोकने वाली एकमात्र पार्टी कांग्रेस है। इसका कारण यह है कि हम एक वैचारिक पार्टी हैं और हमारी विचारधारा कल नहीं उभरी है। हमारी विचारधारा आरएसएस की तरह हजारों साल पुरानी है और हम हजारों सालों से आरएसएस की विचारधारा से लड़ रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि ऐसा मत सोचिए कि हम निष्पक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं। यदि आप मानते हैं कि हम भाजपा और आरएसएस के खिलाफ लड़ रहे हैं।  उन्होंने हमारे देश की लगभग हर संस्था पर कब्जा कर लिया है। अब हम केवल भाजपा और आरएसएस से नहीं, बल्कि व्यवस्था से भी लड़ रहे हैं।

चुनाव आयोग पर साधा निशाना

हुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव में कुछ गड़बड़ हुई है। हम चुनाव आयोग के काम करने के तरीके से असहज हैं। महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच अचानक लगभग एक करोड़ नए मतदाताओं का सामने आना परेशानी भरा है। चुनाव आयोग का कर्तव्य है कि वह विधानसभा चुनाव में मतदान करने वालों के नाम और पते के साथ मतदाता सूची उपलब्ध कराए। मगर चुनाव आयोग ने यह जानकारी देने से इनकार कर दिया है। चुनाव आयोग मतदाता सूची को पारदर्शी बनाने से क्यों इनकार करेगा? हमें सूची न देने के पीछे  उसका क्या उद्देश्य है और वे इसे क्यों रोक रहे हैं? चुनाव में पारदर्शिता प्रदान करना चुनाव आयोग का कर्तव्य है और यह बताना उनकी पवित्र जिम्मेदारी है कि ऐसा क्यों हुआ है?

Rahul Gandhi attacked RSS chief, said- Mohan Bhagwat insulted the Constitution
राहुल गांधी ने कहा कि इस भवन में आप देखेंगे कि कांग्रेस पार्टी ने भारत की आत्मा को कितनी गहराई से प्रभावित किया है। यहां एक समृद्ध इतिहास है। दरअसल हम अक्सर भूल जाते हैं कि अपनी पहचान को समझना बहुत ज़रूरी है। कांग्रेस के सदस्यों के लिए यह जानना जरूरी है कि हम कौन हैं, हमारी परंपरा क्या है, हमारा इतिहास क्या है और हम कहां से आए हैं। भवन के अंदर आपको महात्मा गांधी, सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरू के साथ-साथ अनगिनत कार्यकर्ता, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री दिखेंगे, जिन्होंने हमारे देश के संविधान की सेवा की और तिरंगे को सलामी दी। कांग्रेस पार्टी ने संविधान की नींव पर काम किया है और इस देश की सफलता का निर्माण किया है। यह इमारत इसी का प्रतीक है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि हमारे पास शिव हैं, हमारे पास बुद्ध हैं, हमारे पास गुरु नानक हैं, हमारे पास कबीर हैं, हमारे पास महात्मा गांधी हैं। ये सभी प्रतीक हैं जिन्होंने इस देश को सही रास्ता दिखाया है। आरएसएस की विचारधारा का एक प्रतीक बताएं जो आज भारत में पूजनीय है। क्या गुरु नानक आरएसएस की विचारधारा से थे? क्या बुद्ध आरएसएस की विचारधारा से थे? क्या कृष्ण भगवान आरएसएस की विचारधारा से थे? एक भी नहीं। क्योंकि इनमें से हर एक व्यक्ति ने समानता और भाईचारे के लिए लड़ाई लड़ी। आखिरी बात जो मैं कहना चाहूंगा वो ये है कि यह इमारत हमारे कार्यकर्ताओं के खून से, हमारे हर एक नेता के खून से बनी है। इसमें आप सभी शामिल हैं, जो आज कांग्रेस पार्टी के विचार का बचाव कर रहे हैं। इस कमरे में मौजूद हर व्यक्ति कांग्रेस पार्टी के विचारों का बचाव करते हुए गंभीर हमले झेल रहा है। कभी-कभी हम इसे भूल जाते हैं। लेकिन इस कमरे में मौजूद ये लोग व्यवस्थित हमले और अपने जीवन पर हमले का सामना कर रहे हैं क्योंकि वे कांग्रेस पार्टी में हैं और वे भाजपा और आरएसएस के सामने आत्मसमर्पण नहीं कर रहे हैं। उसी प्रकार से हजारों कार्यकर्ता हैं। कांग्रेस की विचारधारा को मानने वाले लाखों लोग भी हैं। इसलिए उसी प्रकार से ये भवन हमारे देश की मिट्टी से, हमारे नेताओं और हमारे कार्यकर्ताओं के खून से बना है। इस भवन के पीछे जो विचार है, वो भी हमारे देश के कोने-कोने तक पहुंचना चाहिए। यही इस भवन का कर्तव्य है। हमारे देश के हर कोने तक इस भवन से इस विचार का प्रचार-प्रसार होना चाहिए।