भाजपा विरोध के नाम पर बीते साल जुलाई महीने में पूरे तामझाम से बनाया गया विपक्षी 26 दलों का इंडिया ब्लॉक एकजुट होने के बदले लगातार बिखर रहा है। एनसीपी में टूट से शुरू हुआ बिखराव का सफर गठबंधन के सूत्रधार नीतीश कुमार, जयंत चौधरी के बाद अब ममता बनर्जी की विदाई के साथ अनवरत जारी है। पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस पहले से ही गठबंधन से किनारा करने की घोषणा कर चुके हैं। विपक्ष के लिए मुश्किल यह है कि इंडिया और राजग गठबंधन के इतर सभी दलों के एक मंच पर आने की दूर—दूर तक संभावना नहीं दिख रही। बसपा, अन्नाद्रमुक, बीजेडी, वाईएसआरसीपी, बीआरएस और अब टीएमसी जैसे कई दल हैं जो फिलहाल न तो सत्तारूढ़ राजग के साथ हैं और न ही यूपीए के साथ। इन दलों में से कुछ को भाजपा साधने में जुटी है। चूंकि विपक्षी इंडिया ब्लॉक में ठीक चुनाव के पहले बिखराव हुआ है, ऐसे में अतीत में तीसरा मोर्चा का अंग रहे इनमें से कई दल तत्काल एक मंच पर आने की स्थिति में नहीं हैं।
कभी रोकी नीतीश की राह
ये वही ममता बनर्जी हैं जिन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को विपक्ष का चेहरा बनाने का प्रस्ताव रख कर नीतीश को नाराज किया था। बाद में जब नीतीश को गठबंधन का संयोजक बनाने का प्रस्ताव लाया गया तो राहुल गांधी ने ममता बनर्जी की अनुपस्थिति का सवाल उठाते हुए इसकी घोषणा रोक दी। इसके बाद पहले नीतीश ने राजग का दामन थामा तो अब अब ममता बनर्जी ने भी पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी।