इस्राइल और हमास के बीच पिछले दो महीने से युद्ध जारी है। युद्ध में अब तक 16 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच भारत के विदेश मंत्री ने फलस्तीन के प्रधानमंत्री से बात की। दोनों नेताओं ने वर्तमान स्थिति पर चर्चा की। बता दें, सात अक्तूबर को हमास ने इस्राइल पर पांच हजार रॉकेट दागे थे, जिसके बाद से युद्ध लगातार जारी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को फलस्तीन के प्रधानमंत्री मोहम्मद शतयेह के साथ टेलीफोन पर बात की। उन्होंने गाजा और वेस्ट बैंक के हालातों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने संपर्क में बने रहने पर सहमति जाहिर की। जयशंकर ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमने बातचीत के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की। हमने फलस्तीन मुद्दे पर भारत की स्थिति को दोहराया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 12 अक्तूबर को जारी एक प्रेस रिलीज में कहा था कि फलस्तीन मुद्दे पर भारत की स्थिति दीर्घकालिक और सुसंगत रही है। बागची ने कहा था कि भारत हमेशा इस्राइल के साथ शांति से सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीरत फलस्तीन के संप्रभु और स्वतंत्र राज्य रहने की वकालत की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की थी बात
बता दें, जयशंकर ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्तूबर में फलस्तीन प्रधिकरण के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात की थी और गाजा के अल अहली अस्पताल में लोगों की मौत पर संवेदना व्यक्त की थी। पीएम मोदी ने इस्राइल फलस्तीन मुद्दे पर भारत की स्थिति को दोहाराया था और गाजा में मानवीय मदद शुरू करने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी। हमास ने कहा कि ये यरूशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इस्राइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। हमास ने कहा कि इस्राइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंक इसे अपवित्र किया था। इस्राइली सेना लगातार हमास के ठिकानों पर हमले कर रही है और अतिक्रमण कर रही है। इस्राइली सेना हमारी महिलाओं पर हमले कर रही है। हमास के प्रवक्ता गाजी हमाद ने अरब देशों से अपील है कि इस्राइल के साथ अपने सभी रिश्तों को तोड़ दें। हमाद ने कहा कि इस्राइल एक अच्छा पड़ोसी और शांत देश कभी नहीं हो सकता है।