कोलकाता
भारतीय क्रिकेट में इन दिनों बवाल मचा हुआ है। बुधवार को भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली के बयान को ‘गलत’ बताया था। गुरुवार को गांगुली ने पहली बार इस मुद्दे पर अपनी राय रखी। गांगुली ने कहा कि बोर्ड इस मुद्दे से निपट लेगा।
कोहली ने भारतीय टीम के साउथ अफ्रीका दौरे पर रवाना होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस मे कहा था कि उन्हें कभी भी टी20 का कप्तान बने रहने के लिए नहीं कहा गया था। उन्होंने यह फैसला अपनी मर्जी से लिया था। कोहली का यह बयान गांगुली की उस बात से बिलकुल अलग था जिसमें उन्होंने कहा था कि बोर्ड ने कोहली से यह पद नहीं छोड़ने के लिए कहा था।गांगुली ने गुरुवार को स्थानीय मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, ‘कोई बयान नहीं, कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं, हम इसे सुलझा लेंगे। इसे बीसीसीआई पर छोड़ दें।’.
ऐसी चर्चाएं थीं कि बीसीसीआई ने मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा से कहा है कि वह कोहली की धमाकेदार प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मीडिया से बात करें लेकिन अंत में बोर्ड ने इस मुद्दे पर कोई और बयान जारी करने से इनकार कर दिया। बुधवार को कोहली की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद एडमिनिस्ट्रेशन के साथ उनके संबंधों को सतह पर ला दिया।कोहली ने बुधवार को कहा था, ‘मेरे उस फैसले (टी20 कप्तानी छोड़ने) को लेकर जो भी कहा जा रहा है, वह सही नहीं है।’ कोहली ने गांगुली के बयान को लेकर यह बात कही थी। कोहली ने कहा, ‘जब मैंने टी20 की कप्तानी छोड़ी, मैं सबसे पहले बीसीसीआई के पास गया और उन्हें अपने फैसले के बारे में बताया। मैंने अधिकारियों को अपना नजरिया बताया। मैंने उन्हें बताया कि आखिर मैं टी20 कप्तानी क्यों छोड़ना चाहता हूं। मेरी बात को बहुत अच्छे से समझा गया। इसका कोई विरोध नहीं हुआ, कोई झिझक नहीं थी और मुझे एक बार भी ऐसा नहीं कहा गया, ‘आप टी20 की कप्तानी मत छोड़ो।”
इससे पहले, सौरभ गांगुली ने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने कोहली से बात की थी और उन्हें कहा था कि सिलेक्टर नहीं चाहते कि सफेद बॉल के फॉर्मेट में दो कप्तान हों। इससे बहुत ज्यादा लीडरशिप हो जाएगी। रोहित अब सीमित ओवरों के कप्तान हैं और टेस्ट मैच में भारतीय टीम के उपकप्तान हैं।