4 अगस्त से भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज होने जा रहा है। इंग्लिश कंडिशंस में भारत के रिकॉर्ड को देखते हुए सीरीज में इंग्लैंड को फेवरेट माना जा रहा है, लेकिन हर किसी को दोनों टीमों के बीच में कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। हालांकि, इंग्लैंड की परिस्थितियां भारतीय बल्लेबाजों को बिलकुल रास नहीं आती है और टीम के बैट्समैन हमेशा ही संघर्ष करते हुए नजर आते हैं। भारत के पूर्व खिलाड़ी वीवीएस लक्ष्मण का मानना है कि अगर टीम इंडिया को इंग्लैंड को उसकी सरजमीं पर पटखनी देनी है तो टीम के बल्लेबाजों को टेस्ट सीरीज में एकजुट होकर प्रदर्शन करना होगा। उन्होंने कहा कि एक या दो बल्लेबाजों पर निर्भरता ही टीम की सबसे बड़ी कमजोरी रही है।
‘स्टार स्पोर्ट्स’ के साथ बातचीत करते हुए लक्ष्मण ने कहा, ‘मुझे लगता है कि ओवरऑल माइंडसेट टीम का बदल गया है। 2020 में जिस तरह से ऑस्ट्रेलिया में जीत मिली, जिस तरीके से टीम ने अहम खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में ऑस्ट्रेलिया को ब्रिसबेन में हराकर सीरीज पर कब्जा किया वह दिखाता है कि इस टीम में कितनी गहराई है। मेरे हिसाब से फास्ट बॉलिंग ज्यादा दमदार हो गई है और वह पूरी दुनिया में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद काफी कॉन्फिडेंस में भी हैं। एक चीज जो रवि शास्त्री और विराट कोहली को ध्यान देने की जरूरत है वह है बल्लेबाजों का मैच विनिंग प्रदर्शन। वह पूरी तरह से एक या दो बल्लेबाजों पर निर्भर रहते हैं विदेशी कंडिशंस में खासतौर पर इंग्लैंड की परिस्थितियों में। अगर आपको इंग्लैंड को पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में हराना है तो आपके बल्लेबाजों को एकजुट होकर बढ़िया खेल दिखाना होगा। आप यह उम्मीद नहीं कर सकते हैं कि एक या दो बल्लेबाज प्रदर्शन करें और आप सीरीज जीत जाएं। यह ऐसी चीज है जिस पर रवि शास्त्री और विराट कोहली को गौर करने की आवश्यकता है।’
लक्ष्मण ने बताया कि इस टेस्ट सीरीज में उनकी नजर में कौन से खिलाड़ी अहम रहने वाले हैं। उन्होंने कहा, ‘इंडिया के नजरिए से, मैं ऋषभ पंत को लूंगा और गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह को लेने पसंद करूंगा। इंग्लैंड की ओर से मैं जेम्स एंडरसन और बल्लेबाजी में जो रूट को लूंगा।’ भारतीय टीम का रिकॉर्ड इंग्लैंड में कुछ खास नहीं रहा है और साल 2018 में टीम को टेस्ट सीरीज में 4-1 से हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, 2014 में भी टीम को 3-1 से हार झेलनी पड़ी थी।