अनाज, आम आदमी की थाली और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल को देखते हुए उच्च महंगाई से अगस्त, 2023 में भी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। टमाटर और अन्य खाद्य वस्तुओं की ऊंची कीमतों के कारण खुदरा महंगाई जुलाई, 2023 में 15 माह के उच्चस्तर 7.4 फीसदी पर पहुंच गई थी। इस बीच, शाकाहारी व मांसाहारी थाली भी सालाना आधार पर 24 फीसदी तक महंगी हो गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल करीब 10 महीने के उच्च स्तर 90 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है। क्रिसिल की बृहस्पतिवार को जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, औसत भारतीय घरों में खाई जाने वाली शाकाहारी थाली की कीमत एक साल के भीतर अगस्त, 2023 में 24 फीसदी बढ़ गई है। मांसाहारी थाली भी 13 फीसदी महंगी हो गई है। हालांकि, मासिक आधार पर अगस्त में शाकाहारी थाली 0.6% व मांसाहारी थाली 0.4% सस्ती हुई है। 12 सितंबर को अगस्त के खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी होंगे।
शाकाहारी थाली की महंगाई में टमाटर की प्रमुख भूमिका
शाकाहारी थाली की महंगाई में सबसे ज्यादा 21% हिस्सा टमाटर का है। एक साल में टमाटर के दाम 37 रुपये से 176 फीसदी बढ़कर इस साल 102 रुपये पर पहुंच गया। इस अवधि में सब्जी के दाम भी तेजी से बढ़े हैं। मिर्च की कीमत में 20 फीसदी, प्याज में 8 फीसदी और जीरा में 158 फीसदी की बढ़त रही। शाकाहारी थाली की कीमत में प्याज, मिर्च और जीरा का योगदान एक फीसदी है। मांसाहारी थाली महंगी होने का कारण ब्रॉयलर चिकन की कीमत में 3 फीसदी तक उछाल है। ब्रॉयलर चिकन की कीमत ही मांसाहारी थाली की लागत का 50% से ज्यादा है। क्रिसिल ने कहा, टमाटर और अन्य सब्जियों के घट रहे दाम, गैर-बासमती चावल के निर्यात पर पाबंदी और घरेलू एलपीजी सिलिंडर की कीमतों में 200 रुपये की कटौती से सितंबर से खुदरा महंगाई के मोर्चे पर राहत मिलने की उम्मीद है। शाकाहारी व मांसाहारी थालियां भी सस्ती होंगी। सऊदी अरब और रूस के उत्पादन में 13 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती की घोषणा से वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें अचानक बढ़ गई हैं। कच्चा तेल 90 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है, जो अक्तूबर, 2022 के बाद 10 महीने का उच्च स्तर है। हालांकि, बृहस्पतिवार को ब्रेंट क्रूड मामूली गिरावट के बावजूद 90.24 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई 87.17 डॉलर प्रति बैरल रहा।घरेलू बाजार में चीनी की कीमत पिछले 15 दिनों में 3 फीसदी से अधिक बढ़कर 6 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। उद्योग सूत्रों ने कहा, गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में बारिश की कमी के कारण दाम बढ़े हैं।
शाकाहारी थाली की महंगाई में सबसे ज्यादा 21% हिस्सा टमाटर का है। एक साल में टमाटर के दाम 37 रुपये से 176 फीसदी बढ़कर इस साल 102 रुपये पर पहुंच गया। इस अवधि में सब्जी के दाम भी तेजी से बढ़े हैं। मिर्च की कीमत में 20 फीसदी, प्याज में 8 फीसदी और जीरा में 158 फीसदी की बढ़त रही। शाकाहारी थाली की कीमत में प्याज, मिर्च और जीरा का योगदान एक फीसदी है। मांसाहारी थाली महंगी होने का कारण ब्रॉयलर चिकन की कीमत में 3 फीसदी तक उछाल है। ब्रॉयलर चिकन की कीमत ही मांसाहारी थाली की लागत का 50% से ज्यादा है। क्रिसिल ने कहा, टमाटर और अन्य सब्जियों के घट रहे दाम, गैर-बासमती चावल के निर्यात पर पाबंदी और घरेलू एलपीजी सिलिंडर की कीमतों में 200 रुपये की कटौती से सितंबर से खुदरा महंगाई के मोर्चे पर राहत मिलने की उम्मीद है। शाकाहारी व मांसाहारी थालियां भी सस्ती होंगी। सऊदी अरब और रूस के उत्पादन में 13 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती की घोषणा से वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें अचानक बढ़ गई हैं। कच्चा तेल 90 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है, जो अक्तूबर, 2022 के बाद 10 महीने का उच्च स्तर है। हालांकि, बृहस्पतिवार को ब्रेंट क्रूड मामूली गिरावट के बावजूद 90.24 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई 87.17 डॉलर प्रति बैरल रहा।घरेलू बाजार में चीनी की कीमत पिछले 15 दिनों में 3 फीसदी से अधिक बढ़कर 6 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। उद्योग सूत्रों ने कहा, गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में बारिश की कमी के कारण दाम बढ़े हैं।
индийские карты гадание онлайн бесплатно https://indiyskiy-pasyans-online.ru/ .
вывод из запоя в стационаре вывод из запоя в стационаре .
снятие ломки на дому снятие ломки на дому .
электрокарнизы для штор купить электрокарнизы для штор купить .
онлайн казино беларусь онлайн казино беларусь .
купить саженцы растений http://www.rodnoisad.ru .
Стоимость дипломов высшего и среднего образования и как избежать подделок