नई दिल्ली में चल रहे G20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन की मुलाकात की बदौलत भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने शिक्षा के क्षेत्र में एक-दूसरे के सहयोग की घोषणा की। दोनों देशों ने वैश्विक चुनौतियों पर एक संस्थान, संयुक्त अनुसंधान केंद्र और क्वांटम डोमेन में साझेदारी जैसी विभिन्न पहलों पर हाथ मिलाया है। एक अधिकारी के कथन के अनुसार, काउंसिल ऑफ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT Council) और एसोसिएशन ऑफ अमेरिकन यूनिवर्सिटीज (AAU) ने कम से कम 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर की संयुक्त प्रारंभिक प्रतिबद्धता के साथ भारत-अमेरिका ग्लोबल चैलेंज इंस्टीट्यूट की स्थापना के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। संस्थान का लक्ष्य स्थायी ऊर्जा और कृषि, स्वास्थ्य और महामारी की तैयारी, अर्धचालक प्रौद्योगिकी और विनिर्माण (semiconductor technology and manufacturing), उन्नत सामग्री, दूरसंचार, AI और क्वांटम विज्ञान सहित वैश्विक मुद्दों को हल करना है। इसके बारे में शिक्षा की ओर से एक ट्वीट में कहा, “दोनों देशों के बीच बहु-संस्थागत सहयोगात्मक शिक्षा साझेदारियों की बढ़ती संख्या के साथ शिक्षा में सहयोग बढ़ने से भारत-अमेरिका बंधन गहरा हो गया है। ये साझेदारियां शिक्षा के मुख्य, प्रमुख क्षेत्र में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच शैक्षिक संबंधों को मजबूत करने के लिए एक प्रमाण के रूप में काम करेंगी।” केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी इसकी जानकारी अपने ट्वीटर अकांट पर दी और खुशी व्यक्त करते हुए शैक्षणिक संस्थानों की सराहना की। आईआईटी कानपुर महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में एनवाईयू-टंडन एडवांस्ड रिसर्च सेंटर शुरू करने के लिए न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी टंडन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के साथ हाथ मिला रहा है। इसके अलावा, आईआईटी कानपुर, आईआईटी जोधपुर, आईआईटी बीएचयू और आईआईटी दिल्ली संयुक्त अनुसंधान केंद्र स्थापित करने के लिए बफेलो में स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क के साथ समझौता करेंगे। आईआईटी कानपुर, आईआईटी हैदराबाद और अन्य संस्थान भी भारत-अमेरिका डिफेंस एक्सेलेरेशन इकोसिस्टम (INDUS-X) के तहत एकेडेमिया स्टार्टअप पार्टनरशिप में भाग लेंगे।
शिक्षा के क्षेत्र में एक दूसरे का साथ देंगे भारत और अमेरिका, खुलेंगे ये शिक्षण संस्थान
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