महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में पुलिस ने छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के मामले में ठेकेदार और संरचनात्मक सलाहकार के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पिछले साल नौसेना दिवस (4 दिसंबर) पर सिंधुदुर्ग के मालवन तहसील में राजकोट किले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रतिमा का अनावरण किया है। दरअसल, 17वीं सदी के मराठा छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची मूर्ति सोमवार को दोपहर करीब 1 बजे गिर गई थी। इसके कारणों की जांच की जा रही है। इस घटना से एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की काफी किरकिरी हो रही है। विपक्षी दलों इसकी आलोचना कर रहा है। सीएम शिंदे ने कहा कि मूर्ति का डिजाइन और निर्माण भारतीय नौसेना ने किया था। अब लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के एक सहायक अभियंता ने सोमवार शाम को मालवन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता के अनुसार, मूर्ति के गिरने के लिए कलाकार और सलाहकार जिम्मेदार हैं। उन्होंने बताया कि शिकायत के आधार पर ठेकेदार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि उन पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं के तहत गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास, दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कृत्य, हत्या का प्रयास और धोखाधड़ी के साथ-साथ सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 3 (सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाली शरारत) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले मंत्री दीपक केसरकर ने दुख व्यक्त किया। उन्होंने घटनास्थल का दौरा भी किया। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहना दुखद है। अब इसकी जगह 100 फीट ऊंची प्रतिमा बनाई जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस बारे में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से बात करेंगे। साथ ही सभी अनुमान तैयार रखेंगे।
आदित्य ठाकरे ने भाजपा पर बोला हमला
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने की तीखी आलोचना हुई है। यूबीटी शिवसेना के विधायक आदित्य ठाकरे ने इसके लिए भाजपा के अहंकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा, ‘हम छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे जो कि हमारे और पूरे महाराष्ट्र के आदर्श हैं। मालवन में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा, जिसे चुनावों को देखते हुए जल्दबाजी में बनाया गया था और मोदी जी द्वारा उद्घाटन किया गया था, आज केवल आठ महीनों में ढह गई।’