प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के हिंदवी स्वराज को बेहतर शासन का सबसे अच्छा उदाहरण बताया है। शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान उनका पहले से रिकॉर्ड किया गया वीडियो मैसेज लोगों को सुनाया गया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि अगर छत्रपति शिवाजी महाराज होते तो भारत के मौजूदा रूप-स्वरूप की कल्पना कर पाना भी मुश्किल होता। उन्होंने कहा कि विभिन्न मोर्चों, जैसे- समुद्री ताकत के प्रभावशाली इस्तेमाल और जल प्रबंधन आज भी अनुकरणीय है। प्रधानमंत्री का यह 11 मिनट का रिकॉर्डेड भाषण प्रख्यात इतिहासविद और लेखक बाबा साहब पुरंदरे के अभिनंदन समारोह के दौरान लोगों को सुनाया गया।
शिवाजी के वीरतापूर्ण कार्य हैं प्रेरणा
गौरतलब है कि बाबा साहेब पुरंदरे छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर अपने काम के लिलए जाने जाते हैं। 29 जुलाई को उन्होंने अपना 100वां जन्मदिन मनाया है। पद्म विभूषण से सम्मानित बाबा साहेब शिव शाहिर के नाम से भी जाने जाते हैं। पुरंदरे ने ऐतिहासिक नाटक ‘जनता राजा’का लेखन और निर्देशन किया है। यह नाटक 200 कलाकारों ने प्रस्तुत किया था। वहीं इसका पांच भाषाओं में रुपांतरण और मंचन हो चुका है। अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आज की भौगोलिक स्थिति के पीछे शिवाजी महाराज के वीरतापूर्ण कार्य हैं। वह भारत के इतिहास में शिखर पुरुष हैं। पीएम मोदी ने कहा कि अगर छत्रपति शिवाजी महाराज न होते तो हमारे भूत, भविष्य और वर्तमान पर सवाल उठ रहे होते। इस दौरान पीएम ने यह भी कहा कि शिवाजी नहीं होते तो भारत के वर्तमान स्वरूप की कल्पना करना भी मुश्किल था।
बयां की शतायु होने की खूबियां
छत्रपति शिवाजी महाराज के हिंदवी स्वराज का जिक्र करते हुए पीएम ने इसकी महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम के तहत वंचितों को न्याय और अन्याय के खिलाफ लड़ाई पर जोर दिया जाता था। अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने पुरंदरे को उनके 100वें जन्मदिन पर बधाई दी। इस दौरान उन्होंने शतायु होने की खूबियां भी बयां कीं। पीएम ने कहा कि 100 वर्ष तक जीने, 100 वर्ष तक सक्रिय रहने और 100 वर्ष तक कार्य करने की फिलॉस्फी को बाबा साहेब ही जिंदगी पूरी तरह से बयां करती है। उन्होंने कहा कि जबकि भारत अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है, आजादी के वीरों की बहादुरी को बयां करने के लिए एक खास अभियान की तैयारी है। पीएम ने कहा कि बाबा साहेब ने भी अपनी पूरी जिंदगी इसी सिलसिले में कुर्बान कर दी। उन्होंने कहा कि बाबा पुरंदरे ने जिस तरह से शिवाजी महाराज के जीवन की कहानी को बयां किया है, हम उनके ऋणी रहेंगे।