शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को दावा किया कि भाजपा के पूर्ववर्ती जनसंघ ने 1950 के दशक में शुरू हुए महाराष्ट्र राज्य के निर्माण के संघर्ष में भाग नहीं लिया था। शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की महा विकास अघाड़ी की साझा रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि भाजपा ने कभी कोई आदर्श नहीं बनाए। उन्होंने कहा, वे कभी स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा नहीं थे। यहां तक कि संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में भी भाजपा की मूल पार्टी जनसंघ ने कभी भाग नहीं लिया। मेरे दादा प्रबोधनकर ठाकरे, मेरे पिता (बाल ठाकरे) और चाचा श्रीकांत ठाकरे उस आंदोलन में सबसे आगे थे। जनसंघ संयुक्त महाराष्ट्र समिति का हिस्सा था। उनका मकसद समिति में शामिल होना,कुछ मांगना और वहां से जाना था। मई दिवस से एक दिन पहले ठाकरे ने आरोप लगाया कि जब चुनाव आए तो जनसंघ ने सीट बंटवारे को लेकर समिति को तोड़ दिया। उन्होने आरोप लगाया कि उनकी महाराष्ट्र के प्रति उनकी दुर्भावना तभी से है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शरद पवार को भटकती आत्मा कहे जाने पर ठाकरे ने पलवार किया और कहा कि एक असंतुष्ट आत्मा भी है जो हर जगह घूम रही है। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने कहा कि उन पर और शरद पवार पर अपने-अपने बेटे और बेटी को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश करने का आरोप है, लेकिन यह असंतुष्ट आत्मा अपने लिए लड़ रही है और सारे काम अपने दोस्तों के लिए कर रही है। उन्होंने कहा, इस असंतुष्ट आत्मा को किसानों की समस्याओं पर ध्यान देने के लिए संवेदनशील होना चाहिए। ठाकरे ने यह भी दावा किया कि शिवसेना और उसके संस्थापक बाल ठाकरे मुश्किल घड़ी में मोदी के साथ खड़े रहे, लेकिन मोदी अब शिवसेना को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना के लिए प्रचारक करने के लिए भाजपा पर निशाना साथा, जिनका नाम वायरल वीडियो क्लिप मामले में सामने आया है। ठाकरे ने दावा किया भाजपा संविधान को बदलने के लिए भारी बहुमत चाहती है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उसने कभीऐसा करने की कोशिश की तो पूरा देश फूट पड़ेगा।
‘संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन का हिस्सा नहीं था जनसंघ’, उद्धव ठाकरे का दावा
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