बुल्गारिया की उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मारिया गेब्रियल ने रविवार को भारत आभार जताया। दरअसल, भारतीय नौसेना अरब सागर में एक अपहृत जहाज से 17 बंधकों को समुद्री डकैतों के चंगुल छुड़ाया है। इनमें से सात बुल्गारिया के नागरिक हैं। वहीं, विदेश मंत्री एसजयशंकर ने इस प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मित्र इसी के लिए होते हैं। ग्रेब्रियल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मैं अपहृत जहाज एमवी रुएन और उसके चालक दल के सदस्यों को बचाने के लिए सफल अभियान चलाने के लिए भारतीय नौसेना का अभार जताती हूं। जिसमें सात नागरिक बुल्गारिया के शामिल हैं। समर्थन और महान प्रयास के लिए धन्यवाद। हम चालक दल के जीवन की रक्षा के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे।” वहीं जयशंकर ने अपनी समकक्ष को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मित्र इसी के लिए होते हैं। नौसेना के अभियान में भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के C-17 विमान ने उसकी मदद की। विमान ने अरब सागर में अपहृत मालवाहक जहाज को जब्त करने के लिए लड़ाकू नौकाओं के साथ समुद्री कमांडो को सटीक एयरड्रॉप को अंजाम दिया। वहीं, भारतीय वायुसेना ने बताया कि विमान ने भारतीय तट से करीब दस घंटे की उड़ान भरी और 2600 किलोमीटर दूर एक क्षेत्र में एमवी रुएन के चालक दल को बचाने के लिए अभियान चलाया। हाल ही में यमन के सोकोत्रा द्वीप के पास सोमाली समुद्री डाकुओं ने जहाज का अपहरण कर लिया था। नौसेना ने कहा, एमवी रुएन की समुद्री क्षमता का आकलन किया जा रहा है। करीब 10 लाख डॉलर की कीमत का करीब 37,800 टन माल ढोने वाले इस पोत को अब भारत लाया जाएगा। इसने आगे कहा, “यह समुद्री डकैती रोधी अभियान दक्षिण हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता को मजबूत करने की दिशा में भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को दिखाता है।” हूती उग्रवादियों की ओर से लाल सागर में मालवाहक जहजों पर बढ़ते हमलों के बीच भारतीय नौसेना ने रणनीतिक जलमार्गों पर नजर रखने के लिए दस से ज्यादा युद्ध पोतों को तैनात किया है।
सफल अभियान के लिए बुल्गारिया की उप प्रधानमंत्री ने जताया आभार, जयशंकर बोले- मित्र इसी के लिए तो होते हैं
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