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सामने आईं अंतरिक्ष से ली गईं खतरनाक ‘बिपरजॉय’ की तस्वीरें; पाकिस्तान की ओर बढ़ रहा तूफान

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अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय कल यानी 15 जून को गुजरात के कच्छ से टकराएगा। इससे पहले ही इसका असर दिखने लगा है। समुद्र अशांत है और मुंबई से लेकर केरल के तट तक समंदर में तूफानी लहरें उठ रही हैं। इस बीच, इसकी अंतरिक्ष से ली गई एक तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर को यूएई के अंतरिक्ष यात्री सुल्तान अल नेयादी ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से लिया है। साथ ही उन्होंने लोगों से सुरक्षित रहने का आग्रह किया है। यूएई के अंतरिक्ष यात्री सुल्तान अल नेयादी ने इससे पहले 13 जून को भी उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया था। ये वीडियो उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से शूट किया था। इस वीडियो में अरब सागर के ऊपर एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात को देखा जा सकता है। उन्होंने सभी से सुरक्षित रहने की अपीव करते हुए आईएसएस के बारे में बताया था। उन्होंने लिखा था कि आईएसएस कई प्राकृतिक घटनाओं पर एक अनूठा दृष्टिकोण प्रदान करता है, जो पृथ्वी पर मौसम की निगरानी में विशेषज्ञों की सहायता कर सकता है। वहीं अब उन्होंने अंतरिक्ष से ली गई अरब सागर की कुछ तस्वीरें भी शेयर की हैं। इससे पहले, मौसम वैज्ञानिकों ने इसे लेकर चेतावनी जारी की है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 14 जून तक यह उत्तर की ओर और फिर सौराष्ट्र-कच्छ तट की ओर बढ़ेगा, जिसे यह 15 जून को दोपहर तक पार कर जाएगा। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आपदा मोचन बल के साथ ही तीनों सेनाओं को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया है। इस बीच भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया है कि अरब सागर से उठा चक्रवात बुधवार को गुजरात के कच्छ क्षेत्र और उससे सटे दक्षिण पाकिस्तान की ओर फिर से मुड़ने को तैयार है। उन्होंने कहा कि पिछले छह घंटों से बिपरजॉय बहुत धीमा या कह सकते हैं कि व्यावहारिक रूप से स्थिर हो गया है। यह एक संकेत है कि चक्रवात की गति की दिशा अब बदल जाएगी। हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह उत्तर पूर्व की ओर बढ़ेगा और यह सौराष्ट्र, कच्छ से टकराएगा। इसके आगे पाकिस्तान से सटे मांडवी और कराची के बीच जखाऊ बंदरगाह के पास तट से टकराएगा। उन्होंने आगे कहा कि अब अगर इसकी तीव्रता को देखा जाए तो चक्रवात बिपरजॉय थोड़ा और कमजोर हो गया है। लेकिन चक्रवात के गुरुवार शाम को “बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान” के रूप में तट से टकराने की उम्मीद है, जिसकी अधिकतम हवा की गति 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। मौसम वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि चक्रवात के असर के रूप में सौराष्ट्र और कच्छ के निचले इलाकों में भूस्खलन भी हो सकता है। मौसम कार्यालय ने अधिकारियों से गिर, सोमनाथ और द्वारका जैसे लोकप्रिय स्थलों पर पर्यटकों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने को कहा है और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने का आग्रह किया है। महापात्र ने यह भी कहा कि इसके असर के रूप में दक्षिण राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश होने की उम्मीद है। साथ ही कुछ क्षेत्रों में गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। मौसम विभाग ने बुधवार को कहा कि गुजरात तट की ओर बढ़ते चक्रवात के साथ, सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के कुछ हिस्सों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। पिछले 24 घंटो में देवभूमि द्वारका जिले के खंभालिया तालुका में सबसे अधिक 121 मिमी बारिश हुई, इसके बाद द्वारका (92 मिमी) और कल्याणपुर (70 मिमी) बारिश दर्ज की गई है। राज्य के राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने कहा कि चक्रवात वर्तमान में कच्छ से लगभग 290 किमी दूर है। एहतियाती उपाय के रूप में, हम पहले ही तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लगभग 50,000 लोगों को अस्थायी आश्रयों में स्थानांतरित कर चुके हैं। निकासी की प्रक्रिया अभी भी जारी है और शेष 5,000 लोगों को आज शाम तक सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
तटीय इलाके के पचास हजार लोगों को किया गया शिफ्ट
वहीं, इस चक्रवात की भयावहता और कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह के निकट आने की आशंका को देखते हुए अधिकारियों ने बंदोबस्त करने शुरू कर दिए हैं। इस क्रम में अब तक गुजरात के तटीय इलाकों से 50,000 लोगों को अस्थायी आश्रय स्थलों में स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने बताया कि 50,000 लोगों में से करीब 18,000 लोगों को कच्छ जिले के आश्रय स्थलों में शिफ्ट किया गया है। वहीं अन्य लोगों को जूनागढ़, जामनगर, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, मोरबी और राजकोट में शिफ्ट किया गया है। इसके अलावा. एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की 15 टीमों, एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की 12 टीमों, राज्य सड़क और भवन विभाग की 115 टीमों और राज्य बिजली विभाग की 397 टीमों को विभिन्न तटीय जिलों में तैनात किया गया है।

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