सरकारी पैसे से डिजिटल बुनियादी ढांचे के नेटवर्क को फैलाने के भारत के दृष्टिकोण ने अन्य देशों के विपरीत भारत में छोटे कारोबारियों और व्यवसायों को बढ़ने में मदद की। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार बंगलूरू में एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। बंगलूरू में जैन विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ बातचीत करते हुए, सीतारमण ने कहा कि सरकार और हितधारकों ने डिजिटल बुनियादी ढांचे के विकास को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “डिजिटल नेटवर्क फैलाने के लिए भारत का दृष्टिकोण पूरी तरह से देश के सार्वजनिक धन से प्रेरित था। इसे सरकार की ओर से वित्त पोषित किया गया था। भारत ने दुनिया के कई देशों जो डिजिटल भुगतान तकनीक के लिए निजी क्षेत्र पर निर्भर थे, के विपरीत एक विशाल बुनियादी ढांचे का निर्माण किया, इसे बैंकिंग उद्देश्यों के लिए अनुमति दी, इसे स्वास्थ्य उद्देश्यों के लिए अनुमति दी, इसे विपणन उद्देश्यों के लिए अनुमति दी, इसे भुगतान उद्देश्यों के लिए अनुमति दी और इसे शिक्षा उद्देश्यों के लिए अनुमति दी।” सीतारमण ने कहा, “इसलिए जो सार्वजनिक बुनियादी ढांचा बनाया गया, उसे छोटे और आम उपयोगकर्ताओं के लिए मुफ्त रख गया। इसलिए एक छोटा व्यवसाय जो बढ़ना चाहता था, आज अपने गांव से परे बाजारों तक पहुंचना चाहता है।” देश में डिजिटल क्रांति की सफलता पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने नगालैंड की यात्रा के दौरान अपनी बातचीत का उदाहरण दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश में हुई डिजिटल क्रांति की सफलता के कारण नगालैंड के गैर सरकारी संगठनों को भी क्रिसमस के दौरान अमेरिका से ऑर्डर मिल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि सरकार डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ONDC) लेकर आई है, जो डिजिटल कॉमर्स के लिए एक खुला नेटवर्क है जो बड़े ई-कॉमर्स व्यवसायों की भी मदद कर रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “डिजिटल समावेशन और वित्तीय समावेशन के मामले में लोग किसी के आने और उन्हें शिक्षित करने का इंतजार नहीं कर रहे हैं क्योंकि यह पहले से ही सरल भाषा में है और उनके फोन तक पहुंच रहा है। वे इसे एक्सेस करने में सक्षम हैं और यह केवल बढ़ेगा। हमें भविष्य में केवल प्रौद्योगिकियों को लगातार अपडेट करने की आवश्यकता है।
निर्मला सीतारमण ने दक्षिणी क्षेत्र के 10 आरआरबी के प्रदर्शन की समीक्षा की
केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बेंगलुरु में दक्षिणी क्षेत्र के 10 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के प्रदर्शन की समीक्षा की। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के आरआरबी के प्रदर्शन की समीक्षा की। वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी।
बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव, डीएफएस के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य सरकारों के अधिकारी, सिडबी, नाबार्ड के प्रतिनिधि, आरआरबी के हितधारक और प्रायोजक बैंक भी शामिल हुए। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समर्थन देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के कारण वित्त मंत्री देश भर के आरआरबी के प्रदर्शन की समीक्षा रही हैं।