मानसूनी बारिश ने पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड से लेकर गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में भारी तबाही मचाई है। पहाड़ी राज्यों में जगह-जगह भूस्खलन होने से सड़कों पर चलना जोखिमभरा हो गया है। केदारनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को अत्यधिक सावधान रहने और भारी बारिश के बीच यात्रा नहीं करने की सलाह दी गई है। मुंबई और सूरत में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। विदर्भ क्षेत्र में 740 घरों को नुकसान पहुंचा है और 100 ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में भारी बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है और सोमवार को स्कूलों बंद करना पड़ा। मौसम विभाग ने सिन्धु-गंगा के मैदानी इलाके में अगले तीन भारी बारिश की चेतावनी दी है। उत्तराखंड में अगले दो दिन भारी बारिश को लेकर जारी अलर्ट के बीच रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने केदरानाथ जाने वाले श्रद्धालुओं को सावधान किया है। पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के चलते जगह-जगह भूस्खलन की घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने श्रद्धालुओं से यात्रा के वक्त अत्यधिक सावधान रहने को कहा है। मौसम की सही जानकारी लेने के बाद ही यात्रा शुरू करने की सलाह दी गई है। चूंकि सावन के महीने में केदारनाथ जाने वाले भक्तों की संख्या में इजाफा हुआ है, इसलिए प्रशासन की चिंता और अधिक बढ़ गई है। प्रशासन ने केदारनाथ पैदल मार्ग पर चीरबासा, गौरीकुंड और लिंचोली में पहाड़ी से चट्टानें और मलबा गिरने का खतरा बताया है।
महाराष्ट्र : कई इलाकों में घरों में घुसा पानी
महाराष्ट्र का विदर्भ इलाका भी पिछले कुछ दिनों से मानसूनी बारिश की मार झेल रहा है। नागपुर और चंद्रपुर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। मूसलाधार बारिश के चलते चंद्रपुर के इराई बांध का जल स्तर एक मीटर से भी अधिक बढ़ गया, जिसके चलते उसके सात गेट खोलने पड़े। इसके परिणामस्वरूप चंद्रपुर के कई गांवों में पानी भर गया। 740 मकानों को भारी नुकसान पहुंचा और कई इलाकों में घरों में पानी घुस गया। 33 सड़कों पर पानी भर गया है और भंडारा जिले में पानी में घिरे 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया। मौसम विभाग ने नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर और अमरावती में अगले दो से पांच दिन अत्यधिक वर्षा की चेतावनी दी है।मायानगरी मुंबई में बीते 24 घंटे के दौरान 200 मिमी से अधिक वर्षा हुई है। उपनगरों में भी पानी भर गया है। भारी बारिश के चलते सुबह के समय कल्याण और ठाकुरली के बीच कुछ समय के लिए लोकल ट्रेन सेवा भी बाधित रही। किसी भी हालात से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की तीन टीमें मुंबई में तैनात की गई हैं। हिमाचल प्रदेश में खराब मौसम के यलो अलर्ट के बीच रविवार रात और सोमवार तड़के धर्मशाला, शिमला, बिलासपुर में भारी बारिश हुई। मंडी में चंडीगढ़-मनाली एनएच तीन घंटे बंद रहा। मंडी से कुल्लू का सफर फिर से असुरक्षित बन गया है। मंडी से पंडोह तक चट्टानें गिरने का सिलसिला दोबारा शुरू हो गया है। प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में 26 जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट जारी हुआ है। मंगलवार के लिए कांगड़ा, मंडी और चंबा के कुछ क्षेत्रों में बाढ़ आने की चेतावनी भी है। प्रदेश में 14 सड़कें और 31 बिजली ट्रांसफार्मर ठप रहे।