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सीबीएसई की फुल फॉर्म क्या होती है, पढ़ाई का यह माध्यम कितना खास? जानें

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आज के दौर में शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा, जो सीबीएसई के बारे में नहीं जानता हो। सीबीएसई का फुल फॉर्म या मतलब सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन होता है, जिसे हिंदी में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कहा जाता है। सीबीएसई भारतीय शिक्षा प्रणाली से संबंधित एक संक्षिप्त रूप है और इसका पूर्ण रूप केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड है। सीबीएसई सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के स्कूलों के लिए भारतीय शिक्षा का राष्ट्रीय बोर्ड है, जिस पर केंद्र सरकार का नियंत्रण है।

एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के हिसाब से चलते हैं सीबीएसई स्कूल

बता दें कि सीबीएसई से संबद्ध स्कूल  पाठ्यक्रम के लिए सिर्फ एनसीईआरटी का पालन करते हैं। यह बोर्ड हर साल कक्षा 10वीं और 12वीं की कक्षाओं के लिए परीक्षाएं आयोजित करता है। इन परीक्षाओं को क्रमशः एआईएसएसई और एआईएसएससीई कहा जाता है। इनके अलावा सीबीएसई अन्य परीक्षाओं जैसे राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) आयोजित करने के लिए भी जाना जाता है।

कब हुई सीबीएसई की शुरुआत?

बता दें कि सीबीएसई की जड़ें भारत में ब्रिटिश हुकूमत के दौर से शुरू होती हैं। साल 1929 में तत्कालीन भारत सरकार ने बोर्ड ऑफ हाई स्कूल एंड इंटरमीडिएट एजुकेशन, राजपूताना नाम के एक सहकारी बोर्ड का गठन किया। शुरुआत में यह बोर्ड सिर्फ अजमेर, मेरवाड़ा, ग्वालियर और मध्य भारत के क्षेत्रों को ही कवर करता था। यूं कह लीजिए कि उस समय यह बोर्ड सिर्फ अजमेर, विंध्य प्रदेश और भोपाल तक ही सीमित था। आजादी के बाद 1952 में केंद्र सरकार ने इस बोर्ड का नाम बदल दिया और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड रखा।

क्या है सीबीएसई का उद्देश्य 

सीबीएसई का मकसद संघ निकाय के रूप में छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए बेहतर शिक्षा इको-सिस्टम तैयार करना है। इसके तहत उन छात्रों को शैक्षिक सुविधाएं दी जाती हैं, जिनके माता-पिता एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित होते रहते हैं। सीबीएसई हर साल मार्च महीने में 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं कराता है, जिनके नतीजे मई के बाद घोषित किए जाते हैं। हालांकि, 2020 और 2021 में कोरोना महामारी की वजह से नतीजे घोषित होने में देरी हुई थी।

सीबीएसई के बारे में रोचक तथ्य

26 देशों में 240 से अधिक स्कूल सीबीएसई के तहत संचालित होते हैं।

सीबीएसई भारत सरकार द्वारा स्थापित होने के बावजूद अपने सभी खर्चों के लिए स्व-वित्तपोषित है।

सीबीएसई दुनिया में सबसे बड़ी परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था है।

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