भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच पूर्वी समुद्र तट पर सोमवार 18 मार्च से संयुक्त युद्धाभ्यास ‘टाइगर ट्रायम्फ-2024’ जारी है। इस मौके पर यूएसएस समरसेट के भूतल युद्ध अधिकारी ब्रंजिक ने भारतीय नौसेना कर्मियों के साथ विशाखापत्तनम में समय बिताया। अधिकारी ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय नौसेना से बहुत कुछ सीखा है। बता दें कि इस युद्धाअभ्यास का उद्घाटन समारोह 19 मार्च को आईएनएस जलाश्व पर हुआ। समरसेट तीन सैन एंटोनियो श्रेणी के उभयचर परिवहन डॉक जहाजों में से एक है, जिसका नाम 11 सितंबर, 2001 के आतंकवादी हमलों के दौरान खोए गए लोगों के सम्मान में रखा गया है।
नौसेना के साथ बिताया गया समय रहेगा यादगार: ब्रंजिक
समरसेट पर भूतल युद्ध अधिकारी ब्रंजिक ने कहा, ‘हमें विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना कर्मियों के साथ बिताया गया समय बहुत पसंद आया। हमने उनसे बहुत कुछ सीखा और हमारे पास उनके साथ गेम खेलने के दौरान कुछ बेहतरीन यादें भी हैं।’ ‘टाइगर ट्रायम्फ 2024’, भारत और अमेरिका के बीच एक द्विपक्षीय, त्रि-सेवा अभ्यास है। इसका उद्घाटन समारोह 19 मार्च को आईएनएस जलाश्व पर हुआ। अभ्यास का हार्बर चरण 18-25 मार्च तक विशाखापत्तनम में आयोजित किया गया था। इसमें प्री-सेल चर्चा, पेशेवर विषयों पर विषय विशेषज्ञ आदान-प्रदान और विभिन्न कार्यों की योजना और निष्पादन प्रक्रियाओं पर विचार-विमर्श शामिल था। ट्रायम्फ 2024 के हिस्से के रूप में, यूएसएस नेवी समरसेट जहाज विशाखापत्तनम आया, जो एक सैन एंटोनियो-क्लास उभयचर परिवहन डॉक जहाज है। इसके प्रत्येक डेक में फ्लाइट 93 के स्मृति चिन्ह हैं, जिसमें मेमोरियल रूम की ओर जाने वाला एक रास्ता भी शामिल है, जिस पर यात्रियों के नाम अंकित हैं। इससे पहले शनिवार को, यूएसएस समरसेट के चालक दल ने कहा कि वे विशाखापत्तनम की अपनी यात्रा और टाइगर ट्रायम्फ के हिस्से के रूप में भारतीय नौसेना के साथ संयुक्त अभ्यास के शानदार अनुभव को हमेशा याद रखेंगे। जहाज के एक पायलट एशले अंबुएहल ने कहा, ‘इस जहाज पर एक हजार से अधिक नाविक और नौसैनिक यात्रा करते हैं, जिसमें दर्जनों सैन्य वाहनों को ले जाने की क्षमता है। नाव की मरम्मत के लिए एक कार्यशाला है। इसके अलावा एक उड़ान डेक है जिसपर विमान और हेलीकॉप्टर उतर सकते हैं और तैनात हो सकते हैं।
31 मार्च तक जारी रहेगा युद्धाभ्यास
बता दें कि टाइगर ट्रायम्फ, का अर्थ ट्राई-सर्विसेज इंडिया-यू.एस. है। उभयचर अभ्यास, अमेरिकी और भारतीय सशस्त्र बलों के बीच एक संयुक्त अभ्यास है जो मानवीय सहायता और आपदा राहत तैयारी और अंतरसंचालनीयता को बढ़ाने पर केंद्रित है। यह बंदरगाह चरण और समुद्री चरण सहित 18 से 31 मार्च तक आयोजित किया जा रहा है।
सैन्य अभ्यास में शामिल होकर यूएस नेवी के जवान खुश, कहा- भारतीय नौसेना से बहुत कुछ सीखा
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