रायगढ़
पहले स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता था, जहां शिक्षक नन्हें बच्चों को शिक्षा के माध्यम से समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लायक बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते थे। लेकिन आज शिक्षा के मंदिर में हठकर्मी शिक्षकों ने निर्ममता कायम कर दी है, जो आए दिन दिखाई देती है। कुछ इसी तरह का वाकया छत्तीसगढ़ के रायगढ़ स्थित कार्मेल स्वूâल में नर्सरी में पढ़नेवाले तीन साल के बच्चे के साथ हुआ, जहां एक शिक्षक ने बेरहमी से मासूम के गाल पर इतनी जोर से थप्पड़ मारा कि उसकी उंगलियों के निशान बच्चे के चेहरे पर पड़ गए। बच्चे का चेहरा लाल हो गया। äमाता-पिता को जब इसका पता चला तो हंगामा हो गया। आरोप है कि इसके बाद स्वूâल प्रबंधन ने टीसी निकालने की धमकी दे डाली। मामले के तूल पकड़ने के बाद शिक्षक को सस्पेंड कर दिया गया, वहीं कलेक्टर ने भी तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई है। जानकारी के अनुसार स्टेशन रोड निवासी निदान चंद्र के दो बच्चे कार्मेल स्वूâल में पढ़ रहे हैं। एक बच्चा छुट्टी के बाद बाहर आकर रो रहा था। उसके चेहरे पर थप्पड़ मारने से निशान थे। इस बात को लेकर परिवार के लोग दोनों बच्चों के साथ स्कूल प्रबंधन से बातचीत करने पहुंचे तो स्कूल के शिक्षकों ने मारपीट करने से इनकार किया। जबकि साथी बच्चों का कहना था कि शिक्षक ने पिटाई की है। वहीं प्रबंधन का कहना था कि बैग पर सिर रखकर सोने से निशान पड़े हैं।
बच्चे की पिटाई से जमकर हंगामा
बच्चे से मारपीट की घटना ने तूल पकड़ लिया। शिकायत प्रशासन तक पहुंची तो कलेक्टर रानू साहू ने नगर निगम आयुक्त संबित मिश्रा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी। समिति जांच करने स्कूल पहुंची और टीचरों और प्रिंसिपल के बयान लिए। हालांकि स्कूल प्रबंधन अपनी बात पर अड़ा रहा कि बच्चे की पिटाई नहीं की गई है। जांच कमेटी के अध्यक्ष नगर निगम आयुक्त संबित मिश्रा ने बताया कि इस मामले में कमेटी ने एसडीएम, शिक्षा विभाग के सहायक संचालक सहित अन्य अफसरों ने सभी पेरेंट्स के अलावा शिक्षकों का बयान लिया है। इसमें बच्चे के चेहरे में इतना मारने का निशान कैसे आया इसके लिए हम एक्सपर्ट के अलावा डॉक्टर और पुलिस से भी राय लेंगे। इसके बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
स्कूल में बच्चों को पढ़ाना नहीं है आसान: मासूम के गाल पर ‘निर्ममता’ के निशान!
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