शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने शनिवार को भाजपा नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का जुलूस निकालना चाहिए और ईवीएम मंदिर बनाना चाहिए। राउत ने कहा कि महायुति सरकार को पहली कैबिनेट बैठक में ही नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय के सामने ईवीएम मंदिर बनाने की घोषणा करनी चाहिए। गौरतलब है कि महा विकास अघाड़ी गठबंधन के नेता महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही ईवीएम को लेकर सवाल उठा रहे हैं। संजय राउत ने शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ‘सबसे पहले, मुख्यमंत्री का जुलूस वहां (नागपुर में) निकाला जाए। मुझे लगता है कि सीएम का जुलूस निकालने से पहले उन्हें ईवीएम का जुलूस निकालना चाहिए और पहली कैबिनेट में उन्हें आरएसएस मुख्यालय के सामने ईवीएम का मंदिर बनाने का फैसला करना चाहिए।’ शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने नवगठित सरकार पर कैबिनेट की जिम्मेदारियों को लेकर फैसला न कर पाने का भी आरोप लगाया। राउत ने कहा, ‘इस राज्य में नई सरकार बने एक महीना हो गया है, लेकिन यह पता नहीं चल पाया है कि किसके पास कौन सा विभाग है। महाराष्ट्र के गांवों में हर दिन हत्याएं और दुष्कर्म हो रहे हैं, सीएम इसका जवाब नहीं दे पा रहे हैं। महाराष्ट्र में अराजकता फैल गई है। यह सरकार ईवीएम से बनी है, उनके पास दिमाग नहीं है, उनके दिमाग में ईवीएम है।’
फडणवीस ने स्वीकारा- उम्मीद से ज्यादा नंबर मिले
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को कहा कि उनके गठबंधन को उम्मीद से ज्यादा नंबर मिले हैं। एक कार्यक्रम में बोलते हुए फडणवीस ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा ‘एक है तो सुरक्षित है’ राज्य में ‘जादू’ की तरह काम कर गया। मुझे पता था कि हम (महायुति) चुनाव जीतने जा रहे हैं लेकिन अगर मैं कहूं कि मुझे पता था कि हम (भाजपा) 132 सीटें जीतने जा रहे हैं, तो यह गलत है। हमें भी नहीं पता था कि हम इतनी बड़ी संख्या में सीटें जीतने जा रहे हैं। हमें उम्मीद से ज्यादा संख्या मिली है।’ फडणवीस ने 5 दिसंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 235 सीटों के साथ शानदार जीत हासिल की। भाजपा 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भी क्रमशः 57 और 41 सीटों के साथ शानदार जीत हासिल की।